IPS Anjana Krishna: विवाद बढ़ने पर अजित पवार ने बयान जारी कर कहा कि पुलिस बल के प्रति उनका उच्चतम सम्मान है और उनका मकसद कानून‐व्यवस्था बिगड़ने से रोकना था, न कि किसी कार्रवाई में दखल देना।
Who is IPS Anjana Krishna? महाराष्ट्र के सोलापुर ग्रामीण पुलिस में करमाला डिविजन की एसडीपीओ (डीएसपी) अंजना कृष्णा का नाम तब सुर्खियों में आया, जब अवैध मिट्टी/मुरुम खुदाई पर कार्रवाई के दौरान उनकी फोन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से तीखी बातचीत का वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद एनसीपी (अजित गुट) के एमएलसी अमोल मितकरी ने UPSC को पत्र लिखकर अधिकारी के शैक्षणिक व जाति प्रमाणपत्र समेत दस्तावेजों की जांच की मांग कर दी।
31 अगस्त को सोलापुर जिले के कुर्दु गांव में अवैध खनन के खिलाफ संयुक्त टीम की कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने अंजना कृष्णा को अजित पवार से बात कराई। अधिकारी ने कॉलर की पहचान सुनिश्चित करने को कहा, जिसके बाद दोनों के बीच तीखी बातचीत हुई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया। इसी प्रकरण के संदर्भ में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ BNS की धारा 132 समेत प्रावधानों में एफआईआर दर्ज की है।
अजित पवार की सफाई
विवाद बढ़ने पर अजित पवार ने बयान जारी कर कहा कि पुलिस बल के प्रति उनका उच्चतम सम्मान है और उनका मकसद कानून‐व्यवस्था बिगड़ने से रोकना था, न कि किसी कार्रवाई में दखल देना। उन्होंने कहा कि अवैध खनन जैसे मामलों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
NCP नेता की UPSC से शिकायत
वीडियो वायरल होने के कुछ घंटे बाद एनसीपी (अजित) के एमएलसी अमोल मितकरी ने UPSC सचिव को पत्र लिखकर अंजना कृष्णा के चयन से जुड़े दस्तावेजों (शैक्षणिक योग्यता, जाति प्रमाणपत्र और अन्य कागजात) की जांच की मांग की। मितकरी ने जांच रिपोर्ट संबंधित सरकारी विभागों को भेजने का आग्रह भी किया है। UPSC की ओर से इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया फिलहाल सामने नहीं आई है।
कौन हैं IPS अंजना कृष्णा?
केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली अंजना कृष्णा 2023 बैच की महाराष्ट्र कैडर की IPS अधिकारी हैं। उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 में ऑल इंडिया रैंक 355 हासिल की और फिलहाल सोलापुर ग्रामीण में करमाला डिविजन की एसडीपीओ/डीएसपी के तौर पर तैनात हैं। उनकी स्कूली पढ़ाई पूजापुरा के सेंट मैरीज सेंट्रल स्कूल से हुई और गणित में उन्होंने केरल विश्वविद्यालय से स्नातक किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके पिता छोटे व्यापारी हैं और मां अदालत में टाइपिस्ट हैं।
मामले ने राजनीतिक रंग पकड़ लिया है। विपक्ष ने इसे पुलिस कामकाज में हस्तक्षेप बताया, तो सत्ता पक्ष ने कहा कि अजित पवार का उद्देश्य स्थिति को शांत रखना था।