होम विदेश अमेरिका से दो महीने में माफी मांगेगा भारत…बड़बोलेपन में डोनाल्ड ट्रंप से आगे निकले उनके मंत्री

अमेरिका से दो महीने में माफी मांगेगा भारत…बड़बोलेपन में डोनाल्ड ट्रंप से आगे निकले उनके मंत्री

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अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक. (फाइल फोटो)

भारत से टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका की तरफ से आए एक बेतुके बयान ने हलचल मचा दी है. अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भविष्यवाणी की है कि भारत, टैरिफ के मामले में अमेरिका के मौजूदा कड़े रुख के बावजूद, हमारे दबाव में आ जाएगा. रूस के साथ भारत के बढ़ते तेल व्यापार के बारे में बोलते हुए, ट्रंप के सहयोगी ने तर्क दिया कि भारत लंबे समय तक अमेरिका की अवहेलना नहीं कर सकता.

लुटनिक ने कहा कि अगर भारत अपना रुख नहीं बदलता है, तो उसे अमेरिका को अपने निर्यात पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ झेलना पड़ सकता है. कनाडा के वाशिंगटन के साथ पहले के टैरिफ विवाद की तुलना करते हुए, लुटनिक ने कहा कि जवाबी कार्रवाई से केवल छोटी अर्थव्यवस्थाओं को ही नुकसान होगा.

अमेरिका के साथ समझौते की मांग

उन्होंने कहा कि यह सब दिखावा है क्योंकि सबसे बड़े ग्राहक से लड़ना अच्छा लगता है. लेकिन अंत में वह अमेरिका के साथ समझौते की मांग करेंगे. लुटनिक ने आगे कहा कि एक या दो महीने के भीतर, भारत बातचीत की मेज़ पर वापस आ जाएगा. इतना ही नहीं भारत माफी भी मांगेगा और डोनाल्ड ट्रंप के साथ समझौता करने की कोशिश करेगा.

उन्होंने आगे कहा कि यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तय करेंगे कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैसे संबंध रखना चाहते हैं. साथ ही लुटनिक ने भारत को कड़ी चेतावनी देते हुए अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ से बचने के लिए तीन शर्तें रखीं. उन्होंने चेतावनी दी कि भारत को अमेरिका के साथ गठबंधन करने या ब्रिक्स के जरिए रूस और चीन के साथ संबंध मज़बूत करने में से एक चुनना होगा.

अमेरिका ने भारत के सामने रखी शर्त

लुटनिक ने कहा कि भारत को रूसी तेल ख़रीदना और ब्रिक्स का हिस्सा बनना बंद करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर भारत रूस और चीन के बीच सेतु बनना चाहता है, तो बने! लेकिन डॉलर, अमेरिका या अपने सबसे बड़े ग्राहक का समर्थन करे, नहीं तो 50 प्रतिशत टैरिफ चुकाए. उन्होंने कहा कि देखते हैं यह कब तक चलता है. अमेरिका के आर्थिक प्रभुत्व पर ज़ोर देते हुए, लुटनिक ने कहा, हम दुनिया के उपभोक्ता हैं. यह हमारी 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था है. आखिरकार, ग्राहक हमेशा सही होता है.

रूसी तेल से पैसा कमा रहा भारत

भारत और चीन पर ट्रंप के कटाक्ष पर लुटनिक ने कहा कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने रूस से अपने तेल आयात को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत से अधिक कर दिया. उन्होंने कहा कि रूसी संघर्ष से पहले, भारत रूस से 2 प्रतिशत से भी कम तेल खरीदता था और अब वे 40 प्रतिशत से अधिक खरीद रहे हैं. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि तेल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसलिए यह वास्तव में बहुत सस्ता है क्योंकि रूसी इसे खरीदने के लिए लोगों को ढूंढ रहे हैं. और इसलिए भारतीयों ने बस यही फैसला किया है कि चलो इसे सस्ते में खरीदते हैं और ढेर सारा पैसा कमाते हैं.

भारत के साथ बातचीत करने को तैयार अमेरिका

लुटनिक ने कहा कि भारत को यह तय करना होगा कि वह किस पक्ष में रहना चाहता है. जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका भारत के साथ बातचीत करने को तैयार है, तो उन्होंने कहा कि हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं. उन्होंने आगे कहा कि चीनी हमें बेचते हैं, भारतीय हमें बेचते हैं. वे एक-दूसरे को नहीं बेच पाएंगे. हम दुनिया के उपभोक्ता हैं. लोगों को याद रखना होगा कि हमारी 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था ही दुनिया का उपभोक्ता है. इसलिए, अंत में उन्हें ग्राहक के पास वापस आना ही होगा, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि ग्राहक हमेशा सही होता है.

50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाया

इस साल की शुरुआत में भारत-अमेरिका संबंधों में खटास तब आई जब डोनाल्ड ट्रंप ने नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के जवाब में 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगा दिया. उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने भारत की नीति पर तीखे हमले किए. नई दिल्ली ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया है और सवाल उठाया है कि वाशिंगटन ने रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार चीन को छोड़कर भारत को ही क्यों निशाना बनाया.

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