भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए उत्तर प्रदेश में असहज स्थिति पैदा हो गई है. बीते सप्ताह निषाद पार्टी के मुखिया और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के गठबंधन तोड़ लेने वाले बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी थी. अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बाराबंकी स्थित निजी विश्वविद्यालय के मामले में टिप्पणी की. उनकी टिप्पणी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषंगिक संगठन, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् को पसंद नहीं आई और उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया.
राजभर के बयान के बाद एबीवीपी के छात्रों और कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और जमकर नारेबाजी की. राजभर के बेटे अरुण राजभर ने दावा किया कि उनके पिता को गाली भी दी गई. इन सब हंगामों, बयानों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच राजभर ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सूत्रों ने दावा किया कि राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात भी की.
उधर, बीजेपी नीत एनडीए में लगी इस आग में विपक्ष घी डाल कर इस बात को साबित करने की जुगत में लगा हुआ है कि सत्तारूढ़ दल अपने सहयोगियों का सम्मान नहीं करती. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा कि भाजपाइयों की ‘दरारवादी सोच’ अब अपने गुट में भी दरार डाल चुकी है. भाजपा के सहयोगी बने धन-लोलुप लोगों को अब ये समझ आ गया है कि ‘इस्तेमाली’ पार्टी उनकी ‘माली हालत’ तो सुधार सकती है मतलब उनके ख़ज़ाने में ‘माल’ तो दे सकती है परंतु ‘मान’ कभी नहीं देगी क्योंकि भाजपा की साज़िशन चाल ही यही है कि ‘पहले इस्तेमाल करो, फिर बर्बाद करो’.
वहीं कांग्रेस ने भी इस घटना पर टिप्पणी की. अखबार की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने कहा कि घटना BJP के सहयोगियों को ‘आत्मसम्मान’ का एहसास कराएगी. कांग्रेस ने कहा- ओम प्रकाश राजभर पिछड़े समुदाय से आते हैं. वह एक मेहनती नेता हैं. भाजपा समर्थित गुंडों ने उनके घर पर पथराव किया. इस सरकार में पिछड़े समुदायों की यही स्थिति है.
इन सबके बीच राजभर के घर हमले के बाद जहां राजभर के बेटे अरुण राजभर ने अपने पहले बयान में दावा किया था कि ऐसा करने वाले छात्र होने का परिचय नहीं दे रहे और गुंडागर्दी कर रहे हैं. वहीं डिप्टी सीएम से अपने पिता की मुलाकात के बाद उन्होंने इस आशय के संकेत दिए कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच ‘सपा के गुंडे’ छिपे होने की संभावना है. हमने इनकी पहचान करने का अनुरोध किया है.
बता दें पिछले महीने दिल्ली में बीजेपी के यूपी सहयोगियों की एक बैठक के दौरान, राजभर ने निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद के आरक्षण की मांग को लेकर यूपी विधानसभा का घेराव करने के आह्वान का समर्थन किया था.