Apple ने भारत में 75,000 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड सेल रिकॉर्ड की है, जिसमें iPhone और MacBook की सबसे ज्यादा डिमांड रही। कंपनी रिटेल एक्सपेंशन और लोकल मैन्युफैक्चरिंग के साथ भारत में अपनी पकड़ और मजबूत कर रही है।
Apple ने भारत में अपनी एनुअल सेल का एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। कंपनी का रेवन्यू पिछले फाइनेंशियल इयर में करीब 9 अरब डॉलर (करीब 75,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई, जो पिछले साल के मुकाबले करीब 13 प्रतिशत की बढ़त है। इसका बड़ा क्रेडिट iPhone की जबरदस्त डिमांड और MacBook की सेल में आई बढ़त को जाता है।
पिछले कुछ साल से Apple लगातार भारत में अपनी मौजूदगी मजबूत करने पर काम कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में बेंगलुरु और पुणे में नए रिटेल स्टोर्स खोले हैं। आने वाले महीनों में मुंबई और नोएडा में भी नए स्टोर्स खोलने की तैयारी है। इन स्टोर्स की मदद से Apple ने सीधे ग्राहकों तक अपनी पहुंच और ब्रैंड वैल्यू को और मजबूत किया है।
भारत में मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है ऐपल
भारत अब Apple की ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रैटेजी का अहम हिस्सा बन चुका है। फिलहाल हर पांचवां iPhone भारत में तैयार हो रहा है। कंपनी ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन जैसे पार्टनर्स के साथ मिलकर उत्पादन क्षमता को तेजी से बढ़ाया है। आने वाले समय में Apple भारत में और निवेश करने की योजना बना रहा है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और सप्लाई चेन को भी मजबूती मिलेगी।
हालांकि, भारत में Apple के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। देश में iPhones की कीमतें अभी भी अमेरिका की तुलना में अधिक हैं। उदाहरण के लिए, iPhone 16 भारत में लगभग 79,900 रुपये से शुरू होता है, जबकि अमेरिका में इसकी शुरुआती कीमत 799 डॉलर है। इसके बावजूद, भारत में iPhone को एक स्टेटस सिंबल माना जाता है, जिससे युवाओं और मिडल-क्लास यूजर्स में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।
कंप इस गैप को कम करने के लिए बैंक ऑफर, एक्सचेंज स्कीम और स्टूडेंट डिस्काउंट जैसी स्ट्रेटजी पर काम कर रहा है। इसके साथ ही, भारत में 6 साल तक के सॉफ्टवेयर अपडेट्स देने का वादा भी ग्राहकों को लुभा रहा है और इसके चलते पुराने iPhone मॉडल्स की डिमांड भी लगातार बनी रहती है।