GST 2.0: वस्तु एवं सेवा कर (GST) में अगली पीढ़ी के सुधार अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करेंगे। उपभोक्ता केंद्रित 12 प्रमुख सेक्टर्स को व्यापक लाभ मिलेगा। कीमतों में कमी का लाभ आर्थिक विकास में गति के रूप में देखने को मिलेगा। और क्या-क्या होंगे बदलाव, पेश है अरुण चट्ठा की रिपोर्ट…
अरुण चट्ठा
वस्तु एवं सेवा कर (GST) में अगली पीढ़ी के सुधार अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करेंगे। जीएसटी 2.0 के जरिए आम लोगों से जुड़ी खाने-पीने और दैनिक जीवन की वस्तुएं सस्ती होंगी। जीएसटी 2.0 से उपभोक्ता केंद्रित 12 प्रमुख सेक्टर्स को व्यापक लाभ मिलेगा। कीमतों में कमी का लाभ आर्थिक विकास में गति के रूप में देखने को मिलेगा।
जानकार मानते हैं कि अब देशभर में उपभोक्ता मांग में तेजी आएगी। निजी पूंजीगत व्यय में बढोतरी देखने को मिलेगी, जो बीते कई वर्षों से सुस्त पड़ी हुई है। खासकर उपभोग केंद्रित वृद्धि का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक रूप से प्रभाव दिखाई देगा। इस कटौती के चलते चालू वित्तीय वर्ष में देश की जीडीपी 0.50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि सीमेंट, एफएमसीजी, ऑटोमोबाइल, कृषि उपकरण, बीमा, रिटेल, स्टेशनरी खुदरा, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, टेक्सटाइल और फुटवियर जैसे क्षेत्रों से जुड़ी मांग में तेजी आएगी, जिससे व्यापक आर्थिक असर देखने को मिलेगा। जीएसटी दर में कटौती से परिवार के सभी वर्गों को लाभ होगा।
इसका व्यापक जनसंख्या, विशेष रूप से ग्रामीण भारत, निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों को लाभ मिलेगा। वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण उपभोक्ता मांग बढ़ेगी। खासकर त्योहारी सीजन से पहले की गई कटौती का असल लाभ अगली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में दिखाई देगा।
सही समय पर लिया फैसला
बीते चार-छह तिमाहियों से उपभोग मांग सुस्त थी। इसके पीछे वस्तुओं की उच्च कीमतें, शहरी मांग में कमी और ऋण उपलब्धता सबंधी चुनौतियां प्रमुख कारण रहीं। मांग को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय रिजर्व बैंक ने बीते कुछ महीनों में ब्याज दरों में कटौती की है, लेकिन उसके बाद भी अपेक्षाकृत मांग में बढ़ोतरी नहीं हुई लेकिन अब संभावना है कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद उपभोग-आधारित विकास को गति मिलेगी।
आम आदमी के आय में होगा सुधार
एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि जीएसटी में सुधार से सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), ग्रामीण और शहरी उपभोगताओं को लाभ होगा। आम जनता की आय में भी सुधार होने की संभावना है। जीएसटी दरों में कमी होने से लोगों की बचत बढ़ेगी, जिसे वह अपनी जरूरतों पर खर्च कर पाएंगे। भारतीय कॉर्पोरेट की आय दूसरी छमाही से फिर से बढ़ने की संभावना है।
आर्थिक विकास के लिहाज से बड़ा बदलाव
जीएसटी विभाग के चीफ कमिश्नर संजय मंगल कहते हैं कि जीएसटी 2.0 में किए गए सुधार आम आदमी और अर्थव्यवस्था के लिहाज से काफी व्यापक है। चार की जगह पर दो कर दरें होने और दैनिक जीवन से जुड़ी अधिकांश वस्तुएं पांच फीसदी के स्लैब में आने से निम्म और मध्यवर्ग से जुड़े लोगों को व्यापक लाभ होगा।
छोटी कारें सस्ती होंगी और घर बनाने में इस्तेमाल होने वाली सीमेंट भी सस्ता होगा। इससे पूरे देशों में मांग में तेजी आएगी। दूसरे जीएसटी में ढांचागत सुधार भी किए गए हैं। अब छोटे कारोबारियों के लिए पंजीकरण कराना आसान होगा और निर्यात से जुड़े रिफंड जल्द जारी होंगे। इससे देश में व्यापार सुगमता को बढ़ावा मिलेगी।