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मुगल वंशजों के देश उज़्बेकिस्तान में भारत के 100 रुपए कितने हो जाते हैं?

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बाबर मध्य एशिया के फरगना से ताल्लुक रखता था जिसे अब उज्बेकिस्तान के नाम से जाना जाता है.

मुगलों ने हिन्दुस्तान पर करीब 330 सालों तक राज किया. भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना करने वाला बाबर, तैमूर और चंगेज खान का वंशज था. बाबर मध्य एशिया के फरगना से ताल्लुक रखता था जिसे अब उज़्बेकिस्तान के नाम से जाना जाता है. मात्र 12 साल की उम्र में बाबर फरगना राज्य का बादशाह बना, लेकिन उसे गद्दी से हटा दिया गया और उसने अफगानिस्तान का रुख किया. इसके बाद वो भारत आया और 1526 में इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल सल्तनत की नींव रखी.

उज़्बेकिस्तान को मुगलों के वंशजों का देश कहा जाता है. इस देश की गिनती मध्य एशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में की जाती है. यह अपनी कई खूबियों के लिए भी जाना जाता है. जानिए, मुगलों के देश उज़्बेकिस्तान में भारत के 100 रुपए कितने हो जाते हैं.

कितने भारतीय जाते हैं उज़्बेकिस्तान?

उज़्बेकिस्तान की खूबसूरती देखने के लिए हर साल भारतीय वहां जाते हैं. विदेश मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि साल 2024 में 28,200 भारतीय उज़्बेकिस्तान गए. वहीं, उज़्बेकिस्तान के 12,500 लोग भारत आए. साल 2023 में 45,500 भारतीय उज़्बेकिस्तान गए और उज़्बेकिस्तान के 17,000 लोग भारत आए थे.

Uzbekistan Currency

ऐसी दिखती है उज़्बेकिस्तान की करंसी. फोटो: Getty Images

भारत के 100 रुपए उज़्बेकिस्तान में कितने?

सेंट्रल एशिया के देश उज़्बेकिस्तान की आधिकारिक करंसी का नाम उज्बेकिस्तानी सोम (Uzbekistani Soʻm) है. इसे शॉर्ट में UZS लिखते हैं. 1991 के पहले यह देश सोवियत संघ (USSR) का हिस्सा था, इसलिए यहां सोवियत रूबल करंसी का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन 1991 में आजादी मिलने के बाद भी कुछ समय तक यहां सोवियत रूबल और फिर रूसी रूबल का इस्तेमाल किया गया.

1993 में यहां पहली मुद्रा सोम की शुरुआत हुई. यह अस्थायी मुद्रा थी जो साधारण कागज पर छापी जाती थी. इसके बाद 1994 में नया सोम करंसी सिस्टम लागू किया गया. 1994 में इसकी शुरुआत हुई और इसे नई सोम के नाम से भी जाना गया है और अब तक यही करंसी चल रही है.

भारत का 1 रुपया उज़्बेकिस्तान में जाकर 140 उज़्बेकिस्तानी सोम हो जाता है. वहीं, भारत के 100 रुपए इस देश में आकर 14,052 उज़्बेकिस्तानी सोम हो जाते हैं. इस तरह यह पता लगाया जा सकता है कि भारतीय और उज़्बेकिस्तान की करंसी में कितना अंतर है.

उज़्बेकिस्तान की बड़ी खूबियां

  • उज्बेकिस्तान को एक प्राचीन देश कहा जाता है, जिसका इतिहास बहुत लंबा है. यहां यूनेस्को के 5 विश्व धरोहर स्थल हैं. इनमें इत्चन कला, बुखारा, समरकंद, शाखिस्याबज़ और पश्चिमी टीएन शान शामिल हैं.
  • दिलचस्प बात यह भी है कि प्लोव उज़्बेकिस्तान का मुख्य भोजन है. यह यहां की नेशनल डिश है. इसे अक्सर शादियों, पारिवारिक मिलन समारोहों में परोसा जाता है, जिसे चावल, सब्जियों, मांस से तैयार किया जाता है.
    Uzbekistan National Dish Plov

    उज़्बेकिस्तान की नेशनल डिश प्लोव. फोटो: unsplash

  • उज्बेकिस्तान के लगभग हर हिस्से में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा रूसी है. रूस ने यहां लगभग 200 सालों तक राज किया. इसका असर रूसी भाषा बोलने वालों की संख्या में दिखता भी है.
  • उज़्बेकिस्तान की अर्थव्यवस्था सोने और कपास पर निर्भर है. यही दोनों चीजें एक्सपोर्ट से होने वाली देश की आय का बड़ा हिस्सा हैं. इस देश को दुनिया के सबसे बड़े कपास उत्पादकों ने गिना जाता है.
  • भले ही यह बात आपको चौंकाने वाली लगे, लेकिन सच है कि उज़्बेकिस्तान मध्य एशिया के सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है.

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