ऐसे में आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस समय-सीमा से पहले रिटर्न दाखिल करना जरूरी है, ताकि किसी तरह का जुर्माना या अतिरिक्त बोझ न पड़े। हालांकि, अगर कोई करदाता समय-सीमा चूक जाता है, तो उसका रिटर्न बिलेटेड ITR माना जाएगा और उसे लेट फाइलिंग पेनल्टी देनी पड़ेगी।
ITR Filing Deadline: टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख अब बहुत करीब है। टैक्सपेयर्स के पास अपनी आय का ब्योरा भरने के लिए 15 सितंबर 2025 तक का समय है, यानी अब सिर्फ 10 दिन बचा है। बता दें कि पहले यह तारीख 31 जुलाई 2025 थी, जिसे करीब डेढ़ महीने आगे बढ़ाया गया है। ऐसे में आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस समय-सीमा से पहले रिटर्न दाखिल करना जरूरी है, ताकि किसी तरह का जुर्माना या अतिरिक्त बोझ न पड़े। हालांकि, अगर कोई करदाता 15 सितंबर की समय-सीमा चूक जाता है, तो उसका रिटर्न बिलेटेड ITR माना जाएगा और उसे लेट फाइलिंग पेनल्टी देनी पड़ेगी।
कितनी देनी पड़ेगी पेनल्टी
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 234F के अनुसार, अगर कोई करदाता तय समय सीमा के बाद ITR दाखिल करता है तो उस पर ₹5,000 तक का जुर्माना लगता है। लेकिन जिन करदाताओं की कुल टैक्सेबल इनकम ₹5 लाख तक है, उनके लिए लेट फाइलिंग का जुर्माना सिर्फ ₹1,000 है। यह पेनल्टी तब भी लगती है जब करदाता पर टैक्स बकाया न हो और उसे सिर्फ ITR फाइल करना हो।
किन्हें ITR भरना जरूरी है?
आयकर कानून के अनुसार कुछ शर्तें तय की गई हैं, जिनके आधार पर व्यक्तियों के लिए ITR भरना अनिवार्य हो जाता है। ये शर्तें आयकर अधिनियम की धारा 139(1) के सातवें प्रावधान में दी गई हैं:
a) अगर किसी व्यक्ति ने अपने लिए या किसी और के लिए विदेश यात्रा पर ₹2 लाख या उससे अधिक खर्च किया है (चाहे एक बार में या साल भर में कुल मिलाकर)।
b) अगर किसी व्यक्ति ने वित्त वर्ष के दौरान ₹1 लाख या उससे अधिक का बिजली बिल (एक बार में या साल भर में मिलाकर) भरा है।
c) अगर किसी व्यक्ति ने अपने करंट अकाउंट में (एक या एक से ज्यादा खातों में) साल भर में ₹1 करोड़ या उससे अधिक जमा किया है।
टैक्स पर पेनल इंटरेस्ट
लेट ITR फाइल करने पर सिर्फ पेनल्टी ही नहीं, बल्कि बकाया टैक्स पर पेनल इंटरेस्ट (ब्याज) भी देना पड़ता है। यानी अगर आपके ऊपर टैक्स बाकी है और आपने समय पर रिटर्न दाखिल नहीं किया, तो टैक्स की राशि के साथ-साथ आपको ब्याज भी चुकाना होगा। यह ब्याज आयकर अधिनियम की संबंधित धाराओं (जैसे 234A) के तहत लिया जाता है।
क्यों भरना चाहिए इनकम टैक्स रिटर्न?
आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार, ITR भरना हर करदाता का कर्तव्य है। यह न केवल देश के विकास में आपके योगदान को दर्शाता है, बल्कि आपको एक जिम्मेदार नागरिक होने की पहचान भी देता है। इसके साथ ही, इनकम टैक्स रिटर्न आपके क्रेडिट वर्थिनेस को भी साबित करता है। यानी, जब आप किसी बैंक या वित्तीय संस्था से लोन या क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधा लेना चाहते हैं, तो ITR आपके लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बन जाता है। समय पर ITR भरने से आपको आसानी से लोन, बैंक क्रेडिट और अन्य वित्तीय लाभ मिल सकते हैं।
ITR फाइल करने के फायदे-
– कानूनी जिम्मेदारी पूरी होती है: समय पर ITR भरना करदाता का कर्तव्य है और यह कानूनी तौर पर आवश्यक है।
– क्रेडिट वर्थिनेस बढ़ती है: ITR दाखिल करने से बैंक और वित्तीय संस्थाएं आपकी वित्तीय स्थिति और भुगतान क्षमता को मान्यता देती हैं।
– लोन और क्रेडिट कार्ड आसान मिलते हैं: ITR के जरिए आप आसानी से बैंक से होम लोन, पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।
– टैक्स रिफंड प्राप्त करना आसान: अगर आपने साल भर में अधिक टैक्स जमा किया है, तो ITR फाइल करने पर आप आसानी से रिफंड पा सकते हैं।
– देश के विकास में योगदान: समय पर ITR दाखिल करने से आप देश की आर्थिक प्रगति और विकास में सीधे योगदान करते हैं।