इस दो दिवसीय बैठक में केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव पर चर्चा होगी, जिसके तहत मौजूदा चार टैक्स स्लैब में से दो (12% और 28%) हटाकर केवल 5% और 18% की दरें रखी जाएंगी। इसके अलावा, तथाकथित लग्जरी और सिन् गुड्स के लिए 40% का स्पेशल स्लैब जारी रहेगा।
GST Council Meeting: वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई करने पर विचार कर सकती है। यह कदम प्रस्तावित जीएसटी दरों के तर्कसंगतिकरण (GST Rate Rationalization) से होने वाले तत्काल रेवेन्यू नुकसान को देखते हुए उठाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, काउंसिल इस भरपाई के लिए कम्पनसेशन फंड में उपलब्ध अनुमानित 40,500 करोड़ रुपये की सरप्लस अमाउंट का उपयोग करने पर विचार कर रही है।
3 और 4 सितंबर को बैठक
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक 3 और 4 सितंबर को होने वाली है। इससे पहले मंगलवार को अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें इस प्रस्ताव पर शुरुआती तैयारी की गई। इसके अलावा इस दो दिवसीय बैठक में केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव पर चर्चा होगी, जिसके तहत मौजूदा चार टैक्स स्लैब में से दो (12% और 28%) हटाकर केवल 5% और 18% की दरें रखी जाएंगी। इसके अलावा, तथाकथित लग्जरी और सिन् गुड्स के लिए 40% का स्पेशल स्लैब जारी रहेगा। बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रत्यक्ष करों (GST 2.0) में अगली पीढ़ी के सुधारों का खाका पेश किया था। इसमें मुख्य जोर रेट रेशनलाइजेशन, स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स और ईज ऑफ लिविंग पर दिया गया था।
ये भी है प्रस्ताव
केंद्र के प्रस्ताव पर मंत्रियों के समूह ने सहमति जताई है कि 12% टैक्स स्लैब के ज्यादातर सामानों को 5% पर और 28% स्लैब के अधिकांश उत्पादों को 18% पर लाया जाए। अंतिम फैसला जीएसटी परिषद लेगी, जो राज्यों की राजस्व हानि की भरपाई के लिए कम्पनसेशन फंड का उपयोग करने पर भी विचार कर सकती है। हालांकि, इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल लेगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करती हैं। इस GoM की कमान बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी संभाल रहे हैं।