छत्तीसगढ़ के सुकमा में पुलिस और सीआरपीएफ को बड़ी सफलता मिली है। एनकाउंटर में मारे जाने के डर से 33 लाख के इनामी सहित 20 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर सुकमा पुलिस और सीआरपीएफ को बड़ी सफलता मिली है। एनकाउंटर में मारे जाने के डर से 33 लाख के इनामी सहित 20 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर करने वालों में 9 महिला और 11 पुरुष नक्सली शामिल है। नक्सलियों ने सुकमा एसपी किरण चव्हाण, सीआरपीएफ द्वितीय कमान अधिकारी सुरेश सिंह की मौजूदगी में हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में लौटे हैं। यह सफलता डीआरजी जिला बल और सीआरपीएफ की 111वीं, 217वीं, 218वीं, 226वीं व कोबरा की 203 बटालियन के संयुक्त प्रयास से मिला है। SP ने कहा कि नक्सलियों के पास सरेंडर ही एकमात्र विकल्प बचा है।
बता दें कि नक्सलवाद पर अंकुश लगाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार इस मुद्दे पर राज्य शासन से फीडबैक ले रहे हैं। पिछले 22 जून को शाह की मौजूदगी में नक्सलवाद के मुद्दे पर मंत्रणा हुई थी, जिसमें बरसात में भी नक्सल ऑपरेशन चलाने को मंजूरी दी गई थी। बता दें कि मार्च-2026 तक छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग से नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन तय की गई है। इसके बाद से लगातार सुरक्षा बल के जवानों बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और कांकेर जिले में एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रहे हैं। जवानों को लगातार बड़ी सफलता भी मिल रही है, जिससे माओवादी संगठन में दहशत है। मुठभेड़ में मारे जाने के डर से नक्सली लगातार अपना ठिकाना भी बदल रहे हैं।
CM विष्णुदेव साय दिल्ली में नक्सलवाद के मुद्दे को लेकर शाह से मिले थे
बता दें कि एक दिन पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान और विकास कार्यों से संबंधित जानकारी साझा की थी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि दिसंबर 2023 से अब तक सुरक्षा बलों की आक्रामक रणनीति के परिणामस्वरूप 453 माओवादी न्यूट्रलाइज हुए हैं। 1616 गिरफ्तार किए गए हैं और 1666 ने सरेंडर किया है। इस दौरान में नक्सल क्षेत्रों में 65 नए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं। सड़क, पुल-पुलिया और मोबाइल नेटवर्क जैसी आधारभूत सुविधाओं का भी तेजी से विस्तार हुआ है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में नक्सल उन्मूलन के साथ ही विकास और शांति की स्थापना के लिए हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।