होम बिज़नेस Zero GST likely on 36 more critical drugs check details 36 जरूरी दवाओं पर से हट सकता है GST, जीरो टैक्स दायरे में लाने की तैयारी!, Business Hindi News

Zero GST likely on 36 more critical drugs check details 36 जरूरी दवाओं पर से हट सकता है GST, जीरो टैक्स दायरे में लाने की तैयारी!, Business Hindi News

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इंडस्ट्रीज के जानकारों का कहना है कि यह कदम गंभीर बीमारियों के इलाज में काम आने वाली दवाओं और थेरेपी पर जीएसटी दरों को सरल और एकरूप करेगा। खासतौर पर वे दवाएं जो राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची (NLEM) में शामिल हैं, इस राहत से सीधे तौर पर सस्ती हो जाएंगी।

GST Cut: केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले 36 दवाओं और 25 मेडिकल डिवाइस पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों में कटौती का प्रस्ताव रखा है।वर्तमान में 5% जीएसटी वाली तीन दवाएं — एगल्सिडेस बीटा (Agalsidase Beta), इमिग्लूसेरेज (Imiglucerase) और एप्टाकॉग अल्फा (Eptacog Alfa), जो जेनेटिक और रक्त संबंधी बीमारियों के इलाज में उपयोग होती हैं, उन पर टैक्स को घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव है। बाकी 33 दवाओं, जिनमें से ज्यादातर का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में होता है, पर 12% जीएसटी को घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।

क्या है डिटेल

इंडस्ट्रीज के जानकारों का कहना है कि यह कदम गंभीर बीमारियों के इलाज में काम आने वाली दवाओं और थेरेपी पर जीएसटी दरों को सरल और एकरूप करेगा। खासतौर पर वे दवाएं जो राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची (NLEM) में शामिल हैं, इस राहत से सीधे तौर पर सस्ती हो जाएंगी। भारतीय दवा निर्माता संगठन (IDMA) की न्यूट्रास्युटिकल समिति के चेयरमैन आर.के. संघवी ने कहा, ‘फिलहाल NLEM दवाओं पर कराधान काफी हद तक मनमाना है, जबकि ये जरूरी दवाएं हैं और इन पर जीएसटी नियमों के अनुसार कोई टैक्स नहीं लगना चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा कि क्रिटिकल दवाओं पर जीरो टैक्स दर का प्रस्ताव मरीजों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा और उन्हें सीधे तौर पर फायदा पहुंचेगा।

दवा उद्योग को राहत नहीं, उलटे टैक्स ढांचे का खतरा

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रस्तावित टैक्स कटौती से दवा कंपनियों को कोई बड़ी राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि ज्यादातर एपीआई (Active Pharmaceutical Ingredients), जिनसे दवाओं का निर्माण होता है, पर 18% जीएसटी लगता है। अगर तैयार दवाओं पर टैक्स दर शून्य कर दी जाती है, तो यह समस्या को और बढ़ा देगा और उलटे टैक्स ढांचे (Inverted Duty Structure) की स्थिति पैदा करेगा। एक फार्मा विश्लेषक के अनुसार, “फार्मा कंपनियां पहले से ही इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के जमा होने की समस्या झेल रही हैं, जिससे उनका वर्किंग कैपिटल फंस रहा है और घरेलू दवा कंपनियों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो रही है। जीएसटी दरों में कटौती इस समस्या को और गंभीर कर सकती है।”

मेडिकल डिवाइस पर टैक्स घटाकर 5% करने का प्रस्ताव

इसी बीच, सरकार ने मेडिकल डिवाइस पर जीएसटी दरें घटाने का भी प्रस्ताव रखा है।

– पहली श्रेणी: एनस्थेटिक्स, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, बैंडेज, डायग्नोस्टिक किट, सर्जिकल रबर ग्लव्स, ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम, चश्मे, ब्रीदिंग उपकरण, गैस मास्क और कुछ दवाओं पर टैक्स दर 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है।

– दूसरी श्रेणी: थर्मामीटर और भौतिक या रासायनिक विश्लेषण में उपयोग होने वाले उपकरणों पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है।

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