थरूर ने ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह कार्यकाल भी पहले की तरह ही कूटनीति से ज्यादा नाटकबाजी से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का व्यवहार और भाषा अपमानजनक रही है।
भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत अब किसी भी देश की शर्तों पर नहीं चलेगा और हमें अपने आत्मसम्मान की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रंप की ‘भाषा अपमानजनक’ रही है और भारत को अपने आत्मसम्मान की रक्षा करनी होगी।
एनडीटीवी के साथ बातचीत में शशि थरूर ने कहा, “आप ऐसी स्थिति को स्वीकार नहीं कर सकते, जहां एक पक्ष अपनी शर्तें थोपे और दूसरे पक्ष से बिना सवाल किए उनका पालन करने की अपेक्षा की जाए। वे दिन अब बीत चुके हैं। मेरा मतलब है कि 200 वर्षों के उपनिवेशवाद के बाद, हम किसी को भी इस तरह से हुक्म चलाने की इजाजत नहीं देंगे।”
यह बयान उस वक्त आया है जब अमेरिका ने दो चरणों में भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को “व्यापारिक सोच वाला और अप्रत्याशित व्यक्ति” बताया। थरूर ने अमेरिका द्वारा रूस से अरबों डॉलर मूल्य के उर्वरक आयात करने और रूसी तेल आयात के लिए केवल भारत को दोषी ठहराने के लिए ट्रंप की आलोचना की।
थरूर ने कहा, “क्या आपको पता है कि अमेरिका हर साल रूस से लगभग दो अरब डॉलर के उर्वरक आयात करता है? वे वहां से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड खरीदते हैं, पैलेडियम खरीदते हैं जो कैटलिटिक कन्वर्टर के लिए जरूरी है। सिर्फ इस साल जनवरी से मई के बीच अमेरिका ने रूस से 2.4 अरब डॉलर का सामान आयात किया है, जो पिछले साल से 20 प्रतिशत ज्यादा है।” उन्होंने सवाल उठाया कि अगर अमेरिका रूस से सामान खरीद रहा है, तो भारत पर यह आरोप लगाना कि वह रूस की युद्ध मशीन को फंड कर रहा है, सरासर ढोंग है।
शशि थरूर ने यह भी बताया कि कैसे ट्रंप सरकार ने चीन को 90 दिन की बातचीत की मोहलत दी, जबकि भारत को सिर्फ 21 दिन। उन्होंने कहा, “चीन रूस से भारत की तुलना में कहीं ज्यादा तेल और गैस खरीदता है। लेकिन उन्हें 90 दिन का समय मिला, जबकि हमारे लिए सिर्फ 21 दिन तय किए गए। 27 अगस्त के बाद हमारे सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगेगा, जबकि चीनी सामान पर सिर्फ 30 प्रतिशत। ये दोहरी नीति साफ झलकती है।”
थरूर ने ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह कार्यकाल भी पहले की तरह ही कूटनीति से ज्यादा नाटकबाजी से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का व्यवहार और भाषा अपमानजनक रही है और भारत को आत्मसम्मान के साथ अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। उन्होंने कहा, “हमें शायद अमेरिका से खुलकर बात करनी होगी। अगर वे रणनीतिक साझेदारी की बात करते हैं, तो ऐसे फैसले क्यों? हमें अब यह पुनर्विचार करने की जरूरत है कि क्या हम अब भी पुराने समीकरणों पर भरोसा कर सकते हैं।”