अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई को सोशल मीडिया पर यह घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान ने वाशिंगटन की मध्यस्थता में ‘रात में चली लंबी’ वार्ता के बाद ‘पूर्ण और तत्काल’ युद्धविराम पर सहमति जताई।
भारत के खिलाफ टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका ने एक और बड़ा दावा किया है। विदेश मंत्री मार्को रूबियो का कहना है कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच ‘युद्ध’ हुआ, तो अमेरिका उसमें सीधे तौर पर शामिल हो गया था। खास बात है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का श्रेय खुद ही लेते रहे हैं। जबकि, भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका से इनकार किया है।
गुरुवार को एक इंटरव्यू के दौरान रूबियो ने कहा कि ट्रंप शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्हें ‘शांति का राष्ट्रपति’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘और जब हमने देखा कि भारत और पाकिस्तान में युद्ध हो रहा है, तो हम इसमें सीधे तौर पर शामिल हो गए। और राष्ट्रपति शांति स्थापित करने में सफल रहे।’ इस दौरान उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड, अजरबैजान और अर्मेनिया के बीच संघर्ष का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका अब यूक्रेन और रूस में भी समाधान कराने की कोशिश कर रहा है। रूबियो ने कहा, ‘हम युद्धों को रुकवाने और खत्म करने में काफी समय लगा रहे हैं।’
ट्रंप के दावे
ट्रंप ने 10 मई को सोशल मीडिया पर यह घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान ने वॉशिंगटन की मध्यस्थता में ‘रात में चली लंबी’ वार्ता के बाद ‘पूर्ण और तत्काल’ युद्धविराम पर सहमति जताई। इसके बाद से ट्रंप कई अवसरों पर इस दावे को दोहरा चुके हैं। रविवार को ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष सहित दुनिया भर में हिंसक टकरावों को रुकवाने का श्रेय लिया।
इससे कुछ दिन पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट कहा ने था कि ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने सहित दुनिया भर में कई संघर्षों को समाप्त कराने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
ट्रंप ने रविवार को ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में रेडियो मेजबान और लेखक चार्लमेन था गॉड की आलोचना की और कहा कि उन्हें (गॉड को) उनके बारे में या उनके कार्यों के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने पांच युद्धों को समाप्त कराया, जिनमें कांगो गणराज्य और रवांडा के बीच 31 वर्षों से चला आ रहा खूनी संघर्ष भी शामिल है। इसमें करीब 70 लाख लोगों की मौत हुई और इसका कोई अंत नजर नहीं आ रहा था।
इससे कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा था, ‘अगर आप हाल में हुई घटनाओं पर नज़र डालें, तो पाएंगे कि हमने कई मामलों को सुलझाया है… कई बेहद गंभीर युद्ध खत्म कराए हैं… इनमें से एक युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच था, जिसमें परमाणु टकराव की आशंका थी।’
भारत का जवाब
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सप्ताह संसद में कहा कि किसी भी देश के नेता ने भारत से 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने के लिए नहीं कहा था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम कराने में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं था। उन्होंने जोर देकर कहा कि सैन्य कार्रवाई को रोकने का संबंध व्यापार से भी जुड़ा नहीं था, जैसा कि ट्रंप ने दावा किया है।