कुछ कंपनियों ने ईमेल करके अपने फैसले की जानकारी दी है। अमेरिकी खरीददारों का साफ कहना है कि बढ़े हुए टैरिफ को माल की कीमत में एडजस्ट किया जाए वरना वे सप्लाई नहीं लेंगे। इसकी वजह यह है कि बढ़े हुए टैरिफ को जोड़ने के बाद भारत से खरीदे सामान की कीमत अमेरिका में कहीं अधिक हो जाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ का असर दिखने लगा है। एक झटके में ही अमेरिका की कई दिग्गज कंपनियों ने भारत से सामानों का आयात फिलहाल रोक लिया है। इसका पहला असर कपड़ा उद्योग पर दिखा है। दुनिया भर में किफायती दामों पर कपड़ों की सेल के लिए मशहूर भारतीय कंपनी पर्ल ग्लोबल का कहना है कि ऐमजॉन, वॉलमार्ट जैसी कंपनियों ने उसके साथ डील को रोक दिया है। पर्ल ग्लोबल की ओर से Gap और Kohl’s जैसे नामी ब्रांड्स के लिए कपड़े तैयार किए जाते हैं। कंपनी का कहना है कि उनके पास आधी रात को (अमेरिकी समयानुसार सुबह) ही कॉल आए कि माल सप्लाई फिलहाल रोक दी जाए।
कुछ कंपनियों ने ईमेल करके अपने फैसले की जानकारी दी है। अमेरिकी खरीददारों का साफ कहना है कि बढ़े हुए टैरिफ को माल की कीमत में एडजस्ट किया जाए वरना वे सप्लाई नहीं लेंगे। इसकी वजह यह है कि बढ़े हुए टैरिफ को जोड़ने के बाद भारत से खरीदे सामान की कीमत अमेरिका में कहीं अधिक हो जाएगी। ऐसे में उनकी बिक्री की संभावना कम होगी। इसलिए कंपनियां फिलहाल भारतीय सामान के आयात से बच रही हैं। पर्ल ग्लोबल के मैनेजिंग डायरेक्टर पल्लब बनर्जी का कहना है कि हमारे पास कस्टमर कॉल कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम भारत की बजाय दूसरे देशों में अपना बेस शिफ्ट करें।
अमेरिकी खरीददार बोले- टैरिफ का बोझ आप उठाएं, वरना बिजनेस नहीं
रॉयटर्स से बाचतीत में बनर्जी ने कहा कि हमने अमेरिकी साझीदारों से कहा है कि हमें कुछ वक्त दिया जाए। हम बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम और ग्वातेमाला आदि में अपनी फैक्ट्रियां शिफ्ट करने पर विचार करेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इन देशों पर अमेरिका की ओर से लगाया गया टैरिफ काफी कम है। दरअसल अप्रैल से अब तक बाजी पूरी तरह से पलट चुकी है। तब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बांग्लादेश, वियतनाम और चीन के मुकाबले भारत पर कम टैरिफ लगाया था। तब भारतीय इंडस्ट्री को फायदे की उम्मीद थी और कहा जा रहा था कि भारतीय माल कम दाम पर बिकेगा तो अमेरिका में डिमांड बढ़ेगी।
अप्रैल में आई थी बहार, पर अब पलट गई तस्वीर
लेकिन अब तस्वीर पलट गई है। भारत पर अमेरिका ने 50 फीसदी तक टैरिफ लगा दिया है, जबकि बांग्लादेश और वियतनाम पर 20 पर्सेंट ही है। चीन पर 30 पर्सेंट ही टैक्स लग रहा है। पर्ल इंडिया का आधा कारोबार अमेरिका से ही आता है। बनर्जी का कहना है कि कुछ ग्राहक कह रहे हैं कि वे भारत से सामान लेते रहेंगे, लेकिन बढ़ा हुआ टैरिफ कंपनी को ही एडजस्ट करना होगा। लेकिन ऐसा कर पाना संभव ही नहीं है। दरअसल भारत पर लगाए गए 50 पर्सेंट टैरिफ में से 25 फीसदी गुरुवार से लागू हो गया है। अब 28 अगस्त से अगला 25 फीसदी टैरिफ लागू हो सकता है। अमेरिका का कहना है कि भारत से रूसी तेल की खरीद के बदले में यह फैसला लिया गया है।