कम से कम तीन राज्यों के सीईओ ने राहुल गांधी से उन मतदाताओं के नाम साझा करने को कहा जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है कि उन्हें मतदाता सूचियों में गलत तरीके से शामिल किया गया है या बाहर रखा गया है।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 25 घटक दलों के 50 नेताओं की बैठक बृहस्पतिवार को राहुल गांधी के आवास पर हुई, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कर्नाटक के बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में कथित धांधली को लेकर प्रस्तुति दी। इससे पहले उन्होंने संवादाताओं से बातचीत में दावा किया था कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी की गई।
सूत्रों के मुताबिक, डिनर पर हुई इस बैठक में उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार की संभावना, मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) और अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) पर चर्चा हुई। राहुल गांधी के आवास ‘5 सुनहरी बाग रोड’ पर आयोजित बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कई अन्य नेता शामिल हुए।
यह बैठक उस दिन हो रही है जब राहुल गांधी ने महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में कथित हेरफेर का विषय आंकड़ों के साथ मीडिया के सामने रखा और आरोप लगाया कि “वोट चोरी” का यह “मॉडल” देश के कई निर्वाचन क्षेत्रों में लागू हो रहा है। मुख्य विपक्षी दल बिहार में जारी एसआईआर के विषय पर चर्चा की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में नारेबाजी कर रहे हैं, जिससे गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। विपक्ष ने अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत का शुल्क लगाए जाने की घोषणा के सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल खड़े किए हैं।
तीन राज्यों के सीईओ ने उनसे शपथ के तहत ब्योरा साझा करने को कहा
कम से कम तीन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) ने राहुल गांधी से उन मतदाताओं के नाम साझा करने को कहा जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है कि उन्हें मतदाता सूचियों में गलत तरीके से शामिल किया गया है या बाहर रखा गया है। उन्होंने साथ ही, चुनाव अधिकारियों द्वारा मामले में ‘‘आवश्यक कार्यवाही’’ शुरू किए जाने के लिए हस्ताक्षरित घोषणा भी मांगी।
महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने कांग्रेस नेता से उन मतदाताओं के नामों के साथ हस्ताक्षरित घोषणापत्र प्रस्तुत करने को कहा, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है कि उन्हें मतदाता सूची में गलत तरीके से कथित तौर पर शामिल किया गया है या बाहर रखा गया है। सीईओ द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया कि महाराष्ट्र में कांग्रेस ने नवंबर 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रकाशित मसौदा और अंतिम मतदाता सूचियों के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की है।
पत्र में कहा गया कि गांधी को यह घोषणा करनी होगी कि मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20 के तहत उनके द्वारा दिया गया बयान, उनकी जानकारी के अनुसार सत्य है और उन्हें पता है कि मतदाता सूची के संबंध में गलत घोषणा करना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के तहत दंडनीय है।
इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र में मतदाता सूची के मसौदे अगस्त, 2024 में कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ साझा किए गए थे और अंतिम मतदाता सूची सितंबर 2024 में साझा की गई थी, लेकिन पार्टी ने इन सूचियों के खिलाफ क्रमशः जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष कोई प्रथम या द्वितीय स्तर की अपील दायर नहीं की। पत्र में कहा गया कि उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर करके चुनाव नतीजों पर सवाल उठाया जा सकता है। इसमें कहा गया कि गांधी को मतदाता पंजीकरण नियमावली के नियम 20(3)(बी) के तहत संलग्न घोषणा/शपथ पर हस्ताक्षर करके उसे वापस करना होगा ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।