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ED Cant Act Like Crook Should Work Under Corners of Law Supreme Court Shows Anger किसी धूर्त की तरह काम नहीं कर सकता ED, कानून के दायरे में रहे; क्यों भड़का सुप्रीम कोर्ट, India News in Hindi

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप (ईडी) किसी धूर्त की तरह व्यवहार न करें, आपको कानून के दायरे में रहकर काम करना होगा। मैंने एक सुनवाई के दौरान यह देखा कि आपने लगभग 500 ईसीआईआर रजिस्टर किए हैं, और दोषी साबित करने की दर सिर्फ 10 फीसदी से भी कम है।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 7 Aug 2025 06:24 PM

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने दो टूक कहा कि ईडी किसी धूर्त की तरह काम नहीं कर सकता और उसे कानून के दायरे में रहना होगा। ईडी द्वारा दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में 10 फीसदी से भी कम दोषसिद्धि की दर होने को लेकर कोर्ट ने कहा कि वह न सिर्फ लोगों की स्वतंत्रता के बारे में चिंतित है, बल्कि उसे ईडी की छवि की भी चिंता है।

‘लाइव लॉ’ वेबसाइट के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एनके सिंह की बेंच विजय मदनलाल चौधरी के मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि अभियुक्त को ईसीआईआर की कॉपी उपलब्ध करवाने की कोई बाध्यता नहीं है। जांचकर्ता असमर्थ हैं, क्योंकि मुख्य अभियुक्त केमैन द्वीप जैसी जगहों पर भाग जाते हैं, जिसकी वजह से जांच में फिर दिक्कत आती है।

एएसजी ने कोर्ट के सामने कहा कि धूर्त के पास बहुत साधन है और जबकि बेचारे जांच करने वाले अधिकारी के पास नहीं होते। इसके जवाब में जस्टिस भुइयां ने कहा, ”आप (ईडी) किसी धूर्त की तरह व्यवहार न करें, आपको कानून के दायरे में रहकर काम करना होगा। मैंने एक सुनवाई के दौरान यह देखा कि आपने लगभग 500 ईसीआईआर रजिस्टर किए हैं, और दोषी साबित करने की दर सिर्फ 10 फीसदी से भी कम है। इसीलिए हम यह कहते हैं कि आप अपने जांच और गवाहों को बेहतर बनाइए। हम लोग स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं। हमें ईडी की छवि की भी चिंता है। पांच-छह सालों तक हिरासत में रखने के बाद अगर लोग बरी हो जाते हैं, तो इसकी भरपाई कौन करेगा?”

पहले भी ईडी पर भड़क चुका है सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट पहले भी ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठा चुका है। पिछले महीने ही चीफ जस्टिस बीआर गवाई ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय सारी हदें पार कर रहा है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह कोई भी ऐसी टिप्पणी न करे जिससे केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ एक कहानी गढ़ने के लिए पहले से चल रहे ठोस प्रयास को बढ़ावा मिले। सीजेआई ने अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी को संबोधित करते हुए ईडी के लिए कहा, ”आपके अधिकारी सारी हदें पार कर रहे हैं। हमने पाया है कि ईडी कई मामलों में अपनी सीमा को लांघ रहा है।”

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