रूस के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को दावा किया कि देश के सशस्त्र बलों ने यूक्रेनी सैन्य हवाई अड्डों के बुनियादी ढांचे पर हमला करने के लिए दूसरे एरियल सिस्टम के अलावा किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल का भी इस्तेमाल किया है. किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए रूसी बलों ने खमेलनित्सकी क्षेत्र को दहला दिया है.
यूक्रिनफॉर्म के मुताबिक खमेलनित्सकी क्षेत्रीय सैन्य प्रशासन के प्रमुख सेरही तियुरिन ने टेलीग्राम पर इस हमले की सूचना दी है. 3 साल से ज्यादा से चल रहे इस पूरे युद्ध में किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल न की बराबर देखने मिला है. इसको रूस की ओर से 2018 में बनाया गया था, रूस सेना इस समय अपने खतरनाक और नए हथियारों को लगातार निकाल रही है.
Russian Defense Ministry reports coordinated hypersonic “Kinzhal” missile strikes targeting Ukrainian Armed Forces’ military airfields. pic.twitter.com/gEYV9He0rK
— Polymarket Intel (@PolymarketIntel) August 4, 2025
इस हमले के बाद इस बात पर चर्चा बढ़ गई है कि किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल में ऐसा किया है, जो इसे यूक्रेन के एयर डिफेंस के लिए रोक पाना मुश्किल हो गया. ये कितनी खतरनाक है और इसे रूस ने किस मकसद के लिए बनाया है.
2018 में बनी थी किंजल
रूस की परमाणु क्षमता वाली हवाई बैलिस्टिक मिसाइल Kh-47M2 किंजल को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2018 में दुनिया के सामने पेश किया था. माना जाता है कि यह मिसाइल इस्कंदर-एम शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल से विकसित की गई है. इसकी मारक क्षमता 1,500 से 2,000 किलोमीटर है और यह 480 किलोग्राम का परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जा सकती है.
हालांकि हमले के लक्ष्य या मकसद के बारे में पूरी जानकारी जारी नहीं सामने आई है, लेकिन बयान में यह उल्लेख किया गया था कि हमले का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है, सभी निर्धारित लक्ष्यों पर निशाना साधा गया है.
किंजल मिसाइल की खासियत
रूस की इस मिसाइल में कई ऐसी खूबियां है, जो इसको खतरनाक और ऐसा हथियार बनाते हैं, जिसे सुन दुश्मन कांपने लगते हैं. परमाणु और पारंपरिक वारहेड की क्षमता- यह मिसाइल 480 किलोग्राम तक के पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जा सकती है. यह हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 33 गुना ज्यादा शक्तिशाली न्यूक्लियर पेलोड ले जाने में सक्षम है, जिससे यह बड़े पैमाने पर विनाशकारी हमले कर सकती है.
हवा से लॉन्च होने की क्षमता- किंझल को MiG-31K और Tu-22M3 जैसे फाइटर जेट्स से भी लांच किया जा सकता है. यह इसे लचीला और तेजी से तैनात करने वाला बनाता है, क्योंकि इसे जेट से किसी भी दिशा में दागा जा सकता है.
Footage of a MiG-31K launching a Kh-47M2 Kinzhal hypersonic aeroballistic missile. pic.twitter.com/b56PheSpgK
— Blackrussian (@Blackrussiantv) July 20, 2025
रडार चकमा देने की क्षमता- यह मिसाइल अपनी रफ्तार और दिशा को आसानी से बदल सकती है, जिससे इसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम्स, जैसे कि NATO के सिस्टम्स से रोकना मुश्किल होता है. रूस का दावा है कि NATO के पास इसे रोकने की तकनीक नहीं है.
लंबी रेंज- इसकी रेंज 1,500 से 2,000 किलोमीटर तक बताई गई है, जो इसे दूर के लक्ष्यों, जैसे कि यूक्रेन सीमा से दूर के क्षेत्रों को भी निशाना बनाने में सक्षम बनाती है.
पुतिन ने क्यों बनाई थी किंजल?
किंझल को रूस ने अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने और पश्चिमी देशों, खासकर NATO के खिलाफ रणनीतिक लाभ हासिल करने के लिए विकसित किया था. इसे नाटो के युद्धपोतों और रडार सिस्टम्स जैसे महत्वपूर्ण सैन्य लक्ष्यों को खत्म करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो रूस की सामरिक मिसाइल प्रणालियों के लिए खतरा हो सकते हैं. इसके अलावा ये मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के वारहेड ले जा सकती है, जिससे यह रूस को विभिन्न युद्ध परिदृश्यों में लचीलापन प्रदान करती है.