कहां निवेश करने पर मोटा रिटर्न मिले इस सवाल का जवाब हर एक आम-आदमी खोज रहा है। इन्हीं सवालों का जवाब फेय डिसूजा के पॉडकास्ट में Edelweiss AMC की सीईओ और एमडी राधिका गुप्ता देती नजर आई हैं।
मौजूदा समय में आम-आदमी के सामने एसआईपी, गोल्ड, एफडी और रियल एस्टेट में निवेश करने का विकल्प है। लेकिन कहां निवेश करने पर मोटा रिटर्न मिले इस सवाल का जवाब हर एक आम-आदमी खोज रहा है। इन्हीं सवालों का जवाब फेय डिसूजा के पॉडकास्ट में Edelweiss AMC की सीईओ और एमडी राधिका गुप्ता देती नजर आई हैं।
कहां निवेश करें?
इस सवाल के जवाब में राधिका कहती हैं कि रिटर्न से पाने पहले इंवेस्टमेंट की आदत डालनी होगी। फिर चाहे वो 1000 रुपये का निवेश ही क्यों ना हो। उन्होंने कहा कि पहले निवेश की आदत डालिए। इसके बाद अपना पैसा बढ़ाइए। फिर चाहे वो एसआईपी हो या फिर एफडी हो।
क्या एसआईपी एक बेहतर विकल्प है आज के समय में?
राधिका गुप्ता कहती हैं कि सैलरी क्लास एसआईपी से पैसा (वेल्थ) बना सकता है। वह फिर चाहे लार्ज कैप, मिड कैप या फिर स्मॉल कैप हो। इसमें निवेश से 10 साल में 12 से 15 प्रतिशत का रिटर्न दे सकता है। वहीं, देश में महंगाई 4 से 5 प्रतिशत बढ़ रही है। राधिका कहती हैं एसआईपी से अच्छा घर, अच्छा शिक्षा और सम्मानजनक बिना किसी ड्रामा के मिल सकता है। लेकिन आपको यह गरीब से अमीर बना सकता है, मैं यह भी बिलकुल नहीं कहूंगी। उन्होंने कहा है कि युवाओं को करियर छोड़कर सिर्फ इंवेस्टमेंट करने की सलाह नहीं है।
रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश रहेगा सही?
एक्सपर्ट राधिका गुप्ता कहती हैं, “घर खरीदना एक इमोशनल डिसीजन है। इसे हम पेपर पर कैलकुलेट नहीं सकते हैं। मौजूदा समय में रेंटल यील्ड 3 से 4 प्रतिशत है। वहीं, होम लोन 7 या 8 प्रतिशत है। इसके अलावा मेंटनेंस भी है। हालांकि, जो लोग हैंडल कर सकते हैं उनके लिए होम लोन एक अच्छा विकल्प है। राधिका गुप्ता बताती हैं कि इसके साथ समस्या यह है कि जब आप इसे बेचना चाहेंगे तो आप तुरंत नहीं बेच पाएंगे। इस सेक्टर के साथ सबसे बड़ी समस्या यही है।
कैसा बनाए पोर्टफोलियो
राधिका गुप्ता बताती हैं कि इक्विटी, डेट और गोल्ड (फिजिकल गोल्ड नहीं, गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड फंड पंसद है। यह सस्ता होता है) उनके पोर्टफोलियों में है। लेकिन उन्होंने सलाह दी है कि पोर्टफोलियो अपनी जरूरत के हिसाब से डिजाइन करें।
बढ़ते एजुकेशन खर्च को लेकर क्या दी सलाह?
उन्होंने कहा कि मैं अलग-अलग लक्ष्यों के लिए अलग-अलग पोर्टफोलियो बनाने में विश्वास करती हूं। बढ़ते एजुकेशन खर्च को ध्यान में रखते हुए आप एक अलग पोर्टफोलियों सिर्फ इसको लेकर बना सकते हैं।
राधिका गुप्ता बताती हैं कि अपने निवेश का लक्ष्य पहले तय करें। इससे दिक्कत कम होगी उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि तीन अलग-अलग प्रकार का निवेश करें। शॉर्ट टाइम, 3 साल के लिए और फिर 5 साल या उससे अधिक के लिए अलग से पोर्टफोलियो बनाएं।
इमरजेंसी पैसा कहां लगाएं?
यह आपके टैक्स प्रोफाइल पर निर्भर करता है। यह पैसा ऐसी जगह लगाएं जहां यह पूरी तरह से सुरक्षित हो। और आपके एक्सेस में हो। क्या एफडी इमरजेंसी विकल्प हो सकता है? राधिका गुप्ता कहती हैं कि अचानक एफडी तोड़ने पर पेनाल्टी देनी होती है।
(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार, गोल्ड, रियल एस्टेट जोखिमों के अधीन है। यहां प्रस्तुत एक्सपर्ट्स के विचार निजी हैं। लाइव हिन्दुस्तान इस आधार पर ना तो पोर्टफोलियो बनाने की सलाह देता है। ना ही निवेश करने की सलाह देता है।)