नीतीश की सौगातें: हर वर्ग को तोहफा
डोमिसाइल नीति के मुख्य बिंदु
– शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू: नीतीश कुमार ने कहा कि अब शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलेगी.
– महिलाओं को 35% आरक्षण: बिहार सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण की घोषणा की है, जो केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं के लिए लागू होगा.
– युवा आयोग का गठन: नीतीश कुमार सरकार ने युवा आयोग के गठन का भी ऐलान किया है, जिसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें प्रशिक्षित करना है.
नीतीश कुमार के बड़े ऐलान
– पेंशन वृद्धि: मुख्यमंत्री ने वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि का ऐलान किया है, जिससे बुजुर्गों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी.
– नौकरी: नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरियों में युवाओं को प्राथमिकता देने का वादा किया है, जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.
तेजस्वी यादव के वादे
– 200 यूनिट फ्री बिजली: तेजस्वी यादव ने 200 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया है, जिससे गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी.
– पेंशन वृद्धि: राजद नेता ने पेंशन वृद्धि का वादा किया है, जिससे बुजुर्गों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी.
– नौकरी: तेजस्वी यादव ने सरकारी नौकरियों में युवाओं को प्राथमिकता देने और बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया है.
तेजस्वी के वादे: नीतीश की नकल या सियासी दबाव?
सियासी क्रेडिट की जंग: नीतीश बनाम तेजस्वी
नीतीश की घोषणाएं तेजस्वी के नैरेटिव को कमजोर कर रही हैं. तेजस्वी ने बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाया, लेकिन नीतीश ने रोजगार और फ्री बिजली जैसे ठोस कदमों से जवाब दिया. राजनीतिक विश्लेषक अशोक कुमार शर्मा का कहना है, नीतीश ने विपक्ष के लोकप्रिय मुद्दों को छीन लिया है. सरकार में होने का फायदा यह है कि वे वादों को तुरंत लागू कर सकते हैं. नीतीश की योजनाएं, जैसे सात निश्चय और कुटीर ज्योति योजना उनकी सुशासन की छवि को मजबूत करती है. वहीं, तेजस्वी की तुलना में नीतीश की योजनाएं अधिक समावेशी दिखती हैं जो हर वर्ग को साधती हैं.
जनता की नजर में कौन भारी?
नीतीश कुमार की ताजा घोषणाएं, जैसे 125 यूनिट मुफ्त बिजली और पेंशन वृद्धि, जनता के बीच उनकी ‘विकास पुरुष’ वाली छवि को और मजबूत कर रही हैं. तेजस्वी के वादों को भले ही जनता ने सराहा, लेकिन नीतीश ने इन्हें लागू करके सियासी बढ़त ले ली है. जानकारों का मानना है कि नीतीश का अनुभव और उनकी योजनाओं का तुरंत लागू होना उन्हें चुनाव में फायदा दे सकता है. हालांकि, तेजस्वी यादव की युवा अपील और महिलाओं-बेरोजगारों पर फोकस अभी भी महागठबंधन को मजबूती दे सकता है. बहरहाल, सवाल यही है कि नीतीश कुमार के मास्टरस्ट्रोक और तेजस्वी यादव के वादों में से कौन सा मतदाताओं को अधिक आकर्षित करेगा. बिहार के मतदाताओं की पसंद और नापसंद क्या होगी, यह तो वक्त ही बताएगा. लेकिन इतना तय है कि इस बार का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होने वाला है.