अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग.
पुतिन से ट्रंप की दोस्ती टूट चुकी है, ऐसे में ट्रंप ने प्लान B पर काम शुरू कर दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने पुतिन के ही जिगरी जिनपिंग के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. बेशक परोक्ष तौर पर दोनों राष्ट्राध्यक्षों की तरफ से कुछ नहीं कहा गया, मगर AI के क्षेत्र में अमेरिका जिस तरह से चीन की मदद कर रहा है, उससे तो यही लग रहा है.
दरअसल चीन से मांग में भारी बढ़ोतरी के बाद NVIDIA ने ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TMSC) को 3 लाख नए टॉप लाइन कंप्यूटर चिप्स का ऑर्डर दिया है. यह H20 चिपसेट समझौता है जो ताइवान में निर्मित हो रही हैं और सबसे हाईटेक इंजीनियरिंग में से एक मानी जा रही हैं. खास बात ये है कि इस सौदे पर मुहर ठीक उस समय लगी थी जब ट्रंप ने सुरक्षा चिंताओं की वजह से NVIDIA को चीन से किसी भी तरह सौदा करने से रोक दिया था. अब ये प्रतिबंध हट चुका है, महज तीन महीने में ही चीन को लेकर ट्रंप में आए इस बदलाव पर सवाल उठ रहे हैं.
चीन के साथ अमेरिका का AI वॉर, फिर मदद क्यों?
इसी साल की शुरुआत में ही चीन में निर्मित एआई मॉडल डीपसीक के लॉन्च के साथ अमेरिका और चीन में एक कोल्डवॉर शुरू हो गया था. दरअसल डीपसीक को बहुत ही कम संसाधनों में बनाया गया था, मगर यह चैटजीपीटी को टक्कर देने में सक्षम था. इसके बाद ट्रंप ने नेशनल सिक्योरिटी का मामला बताकर NVIDIA जैसे शीर्ष अमेरिकी आपूर्तिकर्ताओं को चीन को चिप देने से रोक दिया था. यह प्रतिबंध ठीक उसी तरह से था जैसा कि 2022 में बाइडेन ने लगाया था और अमेरिका में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने का ऐलान किया था.
तीन महीने में ही हटा लिया प्रतिबंध
व्हाइट हाउस की ओर से लगाया गया एक प्रतिबंध महज तीन महीने ही रहा. न्यूजवीक की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब NVIDIA को चीन में बिक्री करने की पूरी अनुमति मिल गई है. NVIDIA के संस्थापक और सीईओ जेन्सेन हुआंग ने हाल ही में 14 जुलाई को ये कहा था कि अमेरिकी सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह चीन में H20 बेचने के लाइसेंस को बहाल कर देगी. उन्होंने कहा कि AI मॉडल भविष्य की जरूरत हैं. ठीक इसके बाद NVIDIA चिप्स की चीन में मांग में उछाल आया है. ऐसे में अमेरिकी कंपनी ने ताइवान की कंपनी से समझौता कर 3 लाख एच20 चिप का ऑर्डर दिया है.
चीन पर क्यों पिघला ट्रंप का दिल?
इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर ट्रंप का दिल चीन पर अचानक क्यों पिघल गया. पहले तो वह चीन को चिप आपूर्तित करने पर प्रतिबंध लगाते हैं और फिर तीन महीने से भी कम समय में बैन हटा देते हैं. इसका कारण ट्रंप की पुतिन के साथ दोस्ती टूट जाने को माना जा रहा है. दरअसल हाल ही में यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप और पुतिन के रिश्ते सबे ज्यादा खटास के दौर से गुजर रहे हैं. हाल ही में ट्रंप एक रूसी नेता के बयान पर इतना भड़क गए थे कि उन्होंने दो न्यूक्लियर सबमरीन भी तैनात करने का आदेश दे दिया था. माना जारहा है कि इसीलिए जिनपिंग रूस की बजाय चीन में अपना दोस्त ढूंढ रहे हैं. इससे पहले ये भी खबर आई थी कि इसी साल के अंत तक ट्रंप बीजिंग का दौरा भी कर सकते हैं.
AI की दौड़ में चीन से कहीं आगे हैं अमेरिका
AI की बात करें तो अभी तक अमेरिका चीन से कहीं आगे हैं, स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी की एक रैकिंग के मुताबिक अमेरिका पहले नंबर है, जबकि चीन दूसरे नंबर पर है. एक्सपर्ट इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि कहीं ऐसा न हो कि अमेरिका की मदद से चीन पहले नंबर पर पहुंच जाए. उधर चीनी दूतावास के एक प्रवक्ता के हवाले से न्यूजवीक न लिखा है कि चीन लगातार इस बात की वकालत करता रहा है कि AI के विकास में मानव केंद्रित सिद्धांतों का पालन होना चाहिए.