होम नॉलेज बांग्ला कैसे जन्मी, यह भाषा कब बनी विवाद की जड़? अब इसे बांग्लादेशी लैंग्वेज बताने पर भड़कीं ममता बनर्जी

बांग्ला कैसे जन्मी, यह भाषा कब बनी विवाद की जड़? अब इसे बांग्लादेशी लैंग्वेज बताने पर भड़कीं ममता बनर्जी

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दिल्ली पुलिस द्वारा बांग्‍ला भाषा को ‘बांग्लादेशी’ कहने पर बवाल मच गया है.

बांग्ला भाषा को कथित तौर पर दिल्ली पुलिस द्वारा ‘बांग्लादेशी’ कहने से बवाल मच गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसको लेकर दिल्ली पुलिस पर जमकर निशाना साधा और इस हरकत को राष्ट्रविरोधी करार दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दिल्ली पुलिस का एक पत्र साझा किया है. इसके साथ लिखा है कि यह शर्मनाक है कि दिल्ली पुलिस बांग्ला को ‘बांग्लादेशी’ भाषा बता रही है, बांग्ला हमारी मातृभाषा है. यह रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद की भाषा है. यही वह भाषा है जिसमें राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत तक लिखा गया है. इसको बांग्लादेशी भाषा कहना संविधान का अपमान है.

आइए जान लेते हैं कि बांग्ला भाषा का जन्म कैसे हुआ? भारत और विदेश में कितनी बोली जाती है बांग्ला? इस पर कब-कब विवाद हुआ और यह दूसरे देशों तक कैसे पहुंची?

बांग्ला को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा

बांग्ला वास्तव में भारत की प्रमुख भाषाओं में से एक है, जिसका भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक और भाषाई इतिहास में अपना महत्वपूर्ण स्थान है. बांग्ला के साहित्यकारों ने बंगाल ही नहीं, देश की राष्ट्रीय चेतना गढ़ने में भी महती भूमिका अदा की है. संस्कृत महाकाव्यों के सबसे पहले अनुवाद से लेकर 19वीं और 20वीं सदी में क्रांतिकारी लेखन तक में बांग्ला साहित्य की अद्वितीय भूमिका रही है. इसने सामाजिक, राजनीतिक और बौद्धिक आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट पिछले साल अक्तूबर (03 अक्तूबर 2024) को मराठी, पालि, असमी और प्रकृत भाषा के साथ ही बांग्ला को भी क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया गया.

Bangla Language

माना जाता है कि बांग्ला भाषा का जन्म इंडो-आर्यन भाषाओं से हुआ है. फोटो: Rehman Asad/NurPhoto via Getty Images

कैसे जन्मी बांग्ला?

जहां तक बांग्ला भाषा की उत्पत्ति की बात है तो यह असमी, ओड़िया, मगधी, मैथिली और भोजपुरी के साथ मिलकर साउथ ईस्ट जोन में एक भाषाई समूह का निर्माण करती है. इसका तात्कालिक स्रोत मगधी प्राकृत या पूर्वी प्राकृत भाषा में पाया जाता है, जो मगध (अब बिहार का हिस्सा ) से आई है. अन्य पूर्वी भाषाओं के साथ ही गौड़ बंग भाषा भी मगध अपभ्रंश से विकसित हुई है.

वास्तव में सामान्यतौर पर माना जाता है कि बांग्ला भाषा का जन्म इंडो-आर्यन भाषाओं से हुआ है, जो इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार की इंडो-इरानियन शाखा की भारतीय उप शाखा है. भारतीय उपमहाद्वीप में इंडो-आर्यन भाषाओं के साहित्यिक दस्तावेजों को उनके भाषाई परिवर्तन के आधार पर तीन काल में बांटा जाता है. 1500 बीसी से 600 बीसी के बीच ओल्ड इंडो-आर्यन, 600 बीसी से 1000 एडी के बीच मिडल इंडो आर्यन और 1000 एडी से वर्तमान तक की भाषा को न्यू इंडो-आर्यन भाषा समूह में रखा जाता है.

वर्तमान बांग्ला भाषा न्यू इंडो आर्यन कैटेगरी में आती है, जो कि मिडल इंडो आर्यन से विकसित हुई है. 16वीं शताब्दी के बाद बांग्ला साहित्य तीन अलग-अलग चरणों में विकसित हुआ. इसे ओल्ड बांग्ला (1000 एडी से 1350 एडी), मिडल बांग्ला (1350 से 1800 एडी) और मॉडर्न बांग्ला (1800 एडी से वर्तमान तक) में वर्गीकृत किया जाता है.

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भारत में कितने बांग्लाभाषी?

भारत में बांग्ला बोलने वालों की अच्छी-खासी संख्या है. यह मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार समूह में बोली जाती है. यह भारत में हिन्दी के बाद दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और इसे करीब 9.72 करोड़ लोग देश में बोलते हैं, जिनकी संख्या भारत की कुल जनसंख्या के 8.03 फीसदी के बराबर है.

भारत की आजादी के बाद पाकिस्तान का गठन हुआ तो उसमें शामिल किया गया पूर्वी पाकिस्तान पूरी तरह से बांग्ला भाषी था. बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ, जहां अधिसंख्य आबादी बांग्ला भाषी है. बांग्लादेश का राष्ट्रगान भी गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की रचना है और वह भी बांग्ला भाषा में है.

दुनिया में कितने लोग बांग्ला बोलते हैं?

भारत और बांग्लादेश के अलावा यह उन देशों में भी बोली जाती है, जहां बांग्ला भाषी प्रवासी रहते हैं. ये लोग अपने साथ बांग्ला भाषा लेकर गए. इनमें पाकिस्तान भी शामिल है, बांग्लादेश जिसका कभी हिस्सा था. इसलिए वहां बांग्ला भाषी पाए जाते हैं. इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, सऊदी अरब, सिंगापुर, ब्रिटेन, मलेशिया, म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में अच्छी-खासी संख्या में बांग्ला भाषी रहते हैं.

एक अनुमान के मुताबिक पूरी दुनिया में 242 मिलियन लोग बांग्ला को अपनी मातृभाषा मानते हैं. वहीं, 43 मिलियन लोग इसे अपनी दूसरी भाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं. इसलिए यह दुनिया की छठी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली मूल भाषा है.

भारत में राजनीतिक लाभ के लिए विवाद

भारत में बांग्ला भाषा को लेकर स्थानीय स्तर पर राजनीतिक रूप से विवाद होते रहे हैं. आजादी के बाद देश के पूर्वी राज्यों खासकर पश्चिम बंगाल में बांग्ला भाषा को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिज्ञों ने कई बार विवाद खड़े किए. यह विवाद कुछ उसी तरह से था, जैसे हाल ही में महाराष्ट्र में मराठी के लिए विवाद खड़ा किया गया. किसी वक्त पश्चिम बंगाल में भी हिन्दी विरोधी आंदोलन चलाया गया था और स्टेशनों के हिन्दी में लिखे नामों पर कालिख तक पोत दी गई थी. खासकर 1980 और 90 के दशक में ऐसे आंदोलन खूब देखने को मिलते थे.

पाकिस्तान में भी बांग्ला भाषा पर विवाद, बांग्लादेश का हुआ जन्म

देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान में भी बांग्ला को लेकर काफी विवाद हुआ था. पाकिस्तान बनने के बाद वहां की आधिकारिक भाषा उर्दू बांग्ला भाषियों पर थोपने की कोशिश की गई तो बांग्लाभाषियों में रोष फैल गया. इसी का नतीजा था कि साल 1952 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के छात्रों ने बांग्ला को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए आंदोलन किया था.

इसमें कई लोगों को जान तक गंवानी पड़ी. साल 1972 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पीछे बांग्ला भाषा और बांग्ला भाषियों की अस्मिता रक्षा भी एक अहम कारण था, जिसके कारण आखिरकार बांग्लादेश का जन्म हुआ.

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