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कोलंबिया में HIV पॉजिटिव और LGBT एक्टिविस्ट को बनाया गया मंत्री, मिली ये जिम्मेदारी

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जुआन कार्लोस फ्लोरियन.Image Credit source: इंस्टाग्राम

पूर्व अभिनेता और समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता जुआन कार्लोस फ्लोरियन कोलंबिया के नए समानता मंत्री बन गए हैं. विरोध और जनता की तीखी प्रतिक्रिया के बावजूद जुआन कार्लोस फ्लोरियन को कैबिनेट में आधिकारिक रूप से शामिल कर लिया गया जोआन कार्लोस फ्लोरियन, जो एक यौनकर्मी और समलैंगिक कार्यकर्ता थे, एक ऐसे विभाग का नेतृत्व करेंगे, जो कमजोर समुदायों को सामाजिक कार्यक्रमों तक पहुंच सुनिश्चित करता है.

वामपंथी राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो के तीन साल पहले पदभार ग्रहण करने के बाद से उनके मंत्रिमंडल में 50 से ज्यादा मंत्री शामिल हो चुके हैं. मानवाधिकार वकालत और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में बीस वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले नेता अप्रैल से समानता उप-मंत्री के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने अपनी व्यक्तिगत यात्रा को खुलकर साझा किया है.

इंस्टाग्राम पोस्ट में कार्लोस फ्लोरियन ने कही ये बात

एक इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मैं सड़कों से, संघर्ष से, और वास्तविक सक्रियता से आया हूं. मैं एक यौनकर्मी था, मैंने वयस्क सामग्री बनाई, मैं एचआईवी पॉजिटिव हूं, और मैं एक प्रवासी था.”

उन्होंने अपनी पृष्ठभूमि के साथ-साथ अपनी योग्यताओं का भी जिक्र करते हुए कहा, “लेकिन मैं एक राजनीति विज्ञानी भी हूं, मैं सार्वजनिक नीतियों का निर्माता, एक लोक प्रबंधक, एक मानवाधिकार रक्षक, एक उप-मंत्री और सबसे बढ़कर, एक ऐसा जन-पुत्र रहा हूं जो यह नहीं भूलता कि वह कहां से आया है.”

विरोध के बीच हुआन कार्लोस फ्लोरियन बने मंत्री

फ्लोरियन के इतिहास ने कोलंबियाई सरकार के भीतर राजनीतिक बहस छेड़ दी थी. समानता मंत्रालय का नेतृत्व शुरू में उपराष्ट्रपति फ्रांसिया मार्केज कर रही थीं, जिन्होंने कथित तौर पर उप-मंत्री पद के लिए फ्लोरियन के नामांकन का विरोध किया था जब इसे पहली बार पेश किया गया था.

राष्ट्रपति पेट्रो ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित मंत्रिपरिषद के दौरान इस विवाद पर बात करते हुए कहा, “कोई भी अश्वेत व्यक्ति मुझे यह नहीं बताएगा कि हमें एक अभिनेता को बाहर करना होगा जिसने पेरिस में एक श्रमिक संघ बनाया था.”

पेट्रो ने फ्लोरियन का समर्थन जारी रखा है और उनकी विशेषज्ञता और उनके द्वारा पार की गई चुनौतियों का हवाला दिया है. राष्ट्रपति ने याद दिलाया कि बोगोटा के एलजीबीटीआई कार्यालय का नेतृत्व करते समय फ्लोरियन को जान से मारने की धमकियां मिलीं, जिसके कारण उन्हें पेरिस भागना पड़ा, जहाँ उन्हें “जीवित रहने के लिए एक वेबकैम मॉडल बनना पड़ा.”

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