होम राजनीति नौकरी तो ठीक, लेकिन…पेपर लीक पर अंकुश जरूरी, वादा सिर्फ कागज पर न रहे, CM नीतीश कुमार की घोषणाओं पर जनता का हमला

नौकरी तो ठीक, लेकिन…पेपर लीक पर अंकुश जरूरी, वादा सिर्फ कागज पर न रहे, CM नीतीश कुमार की घोषणाओं पर जनता का हमला

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जहानाबाद. बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत तक संभावित है. ऐसे में चुनाव आयोग की तैयारियां तेज हो गई है. साथ ही बिहार की सभी पार्टियों के नेता भी एक्टिव मोड में हैं. एक तरफ जहां सत्ता पक्ष पूरी ताकत से चुनाव की तैयारी में है तो दूसरी तरफ विपक्षी दलों की भी तैयारियां अच्छी खासी चल रही है. विपक्ष सरकार की खामियां निकालकर सरकार पर सियासी वार कर रही है तो वहीं, सूबे के मुखिया एक पर एक घोषणाएं जनहित में कर रहे हैं. पिछले कुछ ही समय में बिहार के CM नीतीश ने 15 बड़ी घोषणाएं की हैं, जिसे राज्यहित में काफी प्रभावी माना जा रहा है.

इन सब घोषणाओं में कुछ ऐलान छात्र हित में भी लिए गए हैं, जो अगर समय से धरातल पर उतर जाती हैं तो स्टूडेंट्स के लिए लाभकारी साबित होगा. जैसे नीतीश कुमार ने 2025 से 30 तक एक करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया कराने की बात हो या फिर इंटर्नशिप स्कीम हो.

CM नीतीश के ऐलान पर क्या बोले स्टूडेंट्स
अब ऐसे में छात्र हित से लेकर राज्यहित में हुई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणाओं के बारे में कॉलेज विद्यार्थी क्या सोचते हैं? किस प्रकार से इन घोषणाओं को देखते हैं? क्या उनके लिए यह हितकारी होगा? Local 18 की टीम ने छात्र और छात्राओं से खास बात की. इस दौरान उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह सरकार के लिए सोचने पर मजबूर करने वाला है. कुछ छात्रों का यही कहना था कि सरकार नौकरियों की बौछार कर रही है, यह सही बात है, लेकिन पेपर लीक का मामला सब कुछ फीका कर दे रहा है. इससे मनोबल टूट रहा है.

पेपर लीक पर अंकुश जरूरी
स्नातक के छात्र नीतीश कुमार ने कहा, “बिहार सरकार की कई सारी योजनाएं छात्रों के लिए लाभकारी हैं. अभी भी रोजगार का ऐलान किया गया है, वो भी अच्छी बात है. हालांकि, बिहार के साथ-साथ पूरे देश में पेपर लीक का मामला एक गंभीर चुनौती है. सब कुछ छात्र छात्राओं का दांव पर लग जाता है. क्योंकि जिस तरह से अभ्यर्थी तैयारी करते हैं और उस हिसाब से पेपर नहीं हो पाता है तो बहुत दुख हो जाता है. ऐसे में सरकार को इस पर कुछ नया सोचने की जरूरत है.”

योजनाएं अच्छी, लेकिन लाभ समय से नहीं मिलता
स्नातक की छात्रा कायनात हसन का कहना है, “बिहार में वाकई सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं. कई सारी योजनाएं सरकार की छात्राओं के लिए कल्याणकारी हैं. इसमें एक और नई घोषणा महिलाओं की डोमिसाइल नीति वाली है. हालांकि, सरकार की ओर से सब प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर पहुंचने में समय लग जाता है. ऐसे में चाहिए कि जो योजनाएं चल रही है, उसको समय पर धरातल पर उतारा जाए, जिससे छात्र और छात्राओं को फायदा हो सके.”

वादा सिर्फ कागज पर न रहे तो बेहतर
वहीं, एक और पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्र दीनानाथ ने Local 18 से कहा कि नीतीश सरकार ने आने वाले 5 साल में 1 करोड़ रोजगार देने का ऐलान किया है. यह अच्छी सोच है. इससे सही से बेरोजगारी दूर होगी, लेकिन समय रहते इसको धरातल पर लाना सही होगा. कई बार ऐसा होता है कि सरकार का वादा सिर्फ बातों में ही रह जाता है. यदि ऐसा होता है तो यह बहुत ही अच्छा होगा. इसके अलावा कई अन्य घोषणाएं भी पिछले कुछ समय में जो की गई हैं, जिसमें बिजली के बिल वाली योजना भी काफी अच्छी है. गरीब परिवार को इससे काफी राहत होगी.

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