रिपोर्ट्स के मुताबिक उपराष्ट्रपति चुनाव के चलते बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को टाल दिया है। बीजेपी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए फ्लोर मैनेजमेंट पर ध्यान दे रही है।
नए बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव की चर्चा लंबे समय से चल रही है। वहीं पार्टी का संविधान कहता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब कम से कम 50 फीसदी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संगठन के चुनाव पूरे हो जाते हैं। बीच में ही उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद पार्टी का पूरा फोकस अब शिफ्ट हो गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही अब बीजेपी अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेगी।
कब है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मॉनसून सेशन शुरू होते ही अचानक इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि स्वास्थ्य कारणों से वह पदमुक्त होना चाहते हैं। वहीं चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान भी कर दिया है। 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे और इसी दिन शाम तक परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा। यह भी तय माना जा रहा है कि विपक्ष इंडिया गठबंधन का कोई साझा उम्मीदवार उतार सकता है।
21 अगस्त नामांकन दाखिल करने का आखिरी तारीख है। ऐसे में विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों के पास उम्मीदवार घोषित करने के लिए पर्याप्त समय है। नंबरगेम की बात करें तो लोकसभा और राज्यसभा में कुल 782 सांसद हैं। एनडीए के पास लोकसभा में 293 तो इंडिया गठबंधन के पास 232 सांसद हैं। वहीं राज्यसभा में एनडीए के पास 133 और इंडिया गठबंधन के पास 107 सांसद हैं। ऐसे में सदन में एनडीए का पलड़ा भारी है।
बीजेपी चीफ के चुनाव में देरी के पीछे कारण
मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद ही खत्म हो रहा था हालांकि उनकी सफलताओं को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया। अब माना जा रहा है कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐलान के लिए उपराष्ट्रपति चुनाव पूरे होने का इंतजार कर रही है। बिहार चुनाव से पहले बीजेपी को राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान कर देना है।
फिलहाल बीजेपी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए फ्लोर मैनेजमेंट में लगी हुई है। इस बार के चुनाव में लोकसभा में एनडीए के बहुमत का आंकड़ा कम हो गया था और राज्यसभा में । ऐसे में यह फाइट आसान नहीं माना जा सकती। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य, राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 सदस्य शामिल होते हैं। राज्यसभा में पांच और लोकसभा में एक सीट रिक्त है, जिससे निर्वाचक मंडल की प्रभावी संख्या 782 है और जीतने वाले उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होगी, बशर्ते सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
लोकसभा की 543 सीट में से एक सीट, पश्चिम बंगाल में बशीरहाट रिक्त है, जबकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में पांच सीट खाली हैं। राज्यसभा में पांच खाली सीट में से चार जम्मू-कश्मीर से और एक पंजाब से है। लोकसभा में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 542 सदस्यों में से 293 का समर्थन प्राप्त है। सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा (प्रभावी सदस्य संख्या 240) में 129 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, बशर्ते कि मनोनीत सदस्य राजग उम्मीदवार के समर्थन में मतदान करें। सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।