होम देश befitting reply to donald Trump India will not stop buying oil from Russia रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा भारत, टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप को मिला करारा जवाब, India News in Hindi

befitting reply to donald Trump India will not stop buying oil from Russia रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा भारत, टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप को मिला करारा जवाब, India News in Hindi

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एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत की तेल रिफाइनरियां रूसी कंपनियों से तेल प्राप्त करना जारी रखे हुए हैं। उनके आपूर्ति संबंधी निर्णय कीमत, कच्चे तेल की गुणवत्ता, भंडार, रसद और अन्य आर्थिक कारकों पर निर्भर होते हैं।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 2 Aug 2025 10:57 AM

भारत ने अमेरिका की टैरिफ वाली कार्रवाईयों को नजरअंदाज करते हुए अपने पुराने और भरोसेमंद सहयोगी रूस से तेल की खरीद जारी रखने का फैसला किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत की तेल रिफाइनरियां रूसी कंपनियों से तेल प्राप्त करना जारी रखे हुए हैं। उनके आपूर्ति संबंधी निर्णय कीमत, कच्चे तेल की गुणवत्ता, भंडार, रसद और अन्य आर्थिक कारकों पर निर्भर होते हैं।

सूत्रों के अनुसार, रूसी तेल पर कभी कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इसके बजाय, G7 और यूरोपीय संघ (EU) द्वारा एक मूल्य सीमा व्यवस्था लागू की गई थी ताकि रूस की आय को सीमित करते हुए वैश्विक आपूर्ति को जारी रखा जा सके। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने इस फ्रेमवर्क के तहत 60 डॉलर प्रति बैरल की अधिकतम सीमा का सख्ती से पालन किया है। अब EU ने इसे घटाकर 47.6 डॉलर प्रति बैरल करने की सिफारिश की है, जिसे सितंबर से लागू किया जाएगा।

भारत ने वैश्विक तेल संकट को टाला

मार्च 2022 में जब रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में अफरातफरी मची थी, तब ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। इसी दौरान भारत ने रणनीतिक निर्णय लेते हुए रियायती रूसी कच्चे तेल की खरीद शुरू की, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में संतुलन बना रहा और महंगाई को काबू में रखने में मदद मिली। सूत्रों के अनुसार, अगर भारत ने रूसी तेल न खरीदा होता और OPEC+ देशों की उत्पादन कटौती (5.86 mb/d) भी जारी रहती, तो तेल की कीमतें 137 डॉलर से भी ऊपर जा सकती थीं। इससे वैश्विक स्तर पर महंगाई और ऊर्जा संकट और गहरा जाता।

भारत ने सिर्फ अपने ऊर्जा हितों की रक्षा नहीं की बल्कि वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाई। इस दौरान भारत ने ईरान और वेनेज़ुएला जैसे उन देशों से तेल नहीं खरीदा, जिन पर वास्तव में अमेरिका के प्रतिबंध लागू हैं।

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