अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप.Image Credit source: PTI
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन खबरों का स्वागत किया है, जिनमें कहा गया कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर सकता है. उन्होंने इसे अच्छा कदम बताया है. यह कदम मॉस्को के साथ ऊर्जा संबंध बनाए रखने वाले देशों पर बढ़ते अमेरिकी दबाव के बीच उठाया गया है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें यकीन नहीं है कि यह दावा सही है या नहीं.
एएनआई द्वारा पूछे गए इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या उनके मन में संभावित जुर्माने की कोई संख्या है या क्या वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करेंगे, इस पर ट्रंप ने कहा कि मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. मैंने यही सुना है, हालांकि मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं. लेकिन यह एक अच्छा कदम है, देखते हैं क्या होता है.
#WATCH | “I understand that India is no longer going to be buying oil from Russia. That’s what I heard, I don’t know if that’s right or not. That is a good step. We will see what happens…” says, US President Donald Trump on a question by ANI, if he had a number in mind for the pic.twitter.com/qAbGUkpE12
— ANI (@ANI) August 1, 2025
रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर दबाव
उनकी यह टिप्पणी रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर बढ़ते दबाव के बीच आई है, क्योंकि अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के दौरान मॉस्को के राजस्व स्रोतों को रोकने के प्रयास तेज कर दिए हैं. दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक, भारत, 2022 में मास्को पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद से रियायती रूसी तेल का एक प्रमुख खरीदार रहा है.
रूसी तेल खरीद पर अस्थायी रोक
हालांकि, हालिया मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि भारतीय सरकारी रिफाइनरियों ने घटती छूट और शिपिंग चुनौतियों के कारण रूसी तेल खरीद को अस्थायी रूप से रोक दिया है. भारत सरकार ने अभी तक इस कदम की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. ट्रंप की यह टिप्पणी भारत की तीखी आलोचना के एक हफ्ते बाद आई है. ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, उन्होंने रूसी ऊर्जा और सैन्य उपकरण खरीदते रहने के बावजूद उच्च टैरिफ और व्यापार बाधाओं को बनाए रखने के लिए दिल्ली की आलोचना की.
25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा
व्हाइट हाउस ने हाल ही में अमेरिका को सभी भारतीय निर्यातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की, साथ ही रूस के साथ जारी ऊर्जा व्यापार के लिए एक जुर्माना भी लगाया. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मॉस्को के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंधों का बचाव किया. उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच एक स्थिर और समय-परीक्षित साझेदारी है. जायसवाल ने भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती की भी पुष्टि की और कहा कि यह साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मौजूदा तनावों के बावजूद द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ते रहेंगे.