नितिन गडकरी ने कहा कि हर किसी को सच बोलना सीखना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर कुछ अच्छा है, तो उसे अच्छा कहना चाहिए और अगर कुछ बुरा है, तो उसे बुरा ही कहना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि राजनीति में झूठ बोलना या फिर चापलूसी करना जरूरी होने जैसी धारणाएं सरासर गलत हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेताओं को पूरे विश्वास के साथ सच बोलना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजित पवार भी उपस्थित थे। गडकरी ने कहा, ”यह एक गलत धारणा है कि राजनीति में सिर्फ झूठ बोला जाता है या फिर चापलूसी की जाती है। यहां तक कि शिवसेना के पूर्व प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे भी अपने भाषणों में सच बोलते थे। वह अपनी बात खुलकर कहते थे।”
उन्होंने कहा कि हर किसी को सच बोलना सीखना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”अगर कुछ अच्छा है, तो उसे अच्छा कहना चाहिए और अगर कुछ बुरा है, तो उसे बुरा ही कहना चाहिए। फडणवीस कहते हैं कि राजनीति में कभी-कभी स्पष्ट और सच बोलना संभव नहीं होता। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान, एक रैली को संबोधित करते हुए, मैंने कहा था कि मैं किसी को कोई चीज मुफ्त में नहीं दूंगा और वही करूंगा जो मैं करना चाहता हूं। जाति या समुदाय की आड़ में मेरे पास मत आना। मैंने बस उनसे वोट मांगा और उन्हें आश्वासन दिया कि मैं उनके लिए काम करूंगा।”
गडकरी ने कहा कि उन्होंने मतदाताओं से यह भी कहा कि वह सभी के लिए काम करेंगे, चाहे वे उन्हें वोट दें या नहीं। उन्होंने कहा, “मेरा अनुभव है कि छोटे लोग भी अच्छी बातों को भांप लेते हैं, इसलिए राजनीतिक नेताओं को सकारात्मक रहना चाहिए तथा हमेशा विश्वास के साथ सच बोलना चाहिए।” सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने यह भी कहा कि उनके विभाग में धन की कोई कमी नहीं है। गडकरी ने कहा, “धन कोई बाधा नहीं है। बाधा केवल यह है कि उसे खर्च नहीं किया जा रहा है। इस देश में धन और तकनीक की कोई कमी नहीं है। बाधा केवल देश के लिए ईमानदारी से काम करने वाले लोगों की कमी है। अगर ये लोग काम करने का फैसला कर लें, तो कोई समस्या नहीं होगी।” लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार लोकमान्य तिलक स्मारक ट्रस्ट (हिंद स्वराज्य संघ) द्वारा हर साल दिया जाता है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को भी यह पुरस्कार दिया जा चुका है।