पाकिस्तान में तबाही मचाने वाले बम को भारत अपग्रेड कर रहा है.
भारत ने जिस बम से पाकिस्तान के रहीम खान एयरबेस पर तबाही मचाई थी, उसे अब और स्मार्ट किया जा रहा है. पाकिस्तान के डर का यह सामान है SAAW यानी स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन. इसे अब एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल में बदलने की तैयारी है.
पाकिस्तान के रहीम यार खान एयरबेस की तस्वीर आपने देखनी होगी. यहां मची तबाही भारत के सटीक हमले की छाप है. 10 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने इस रहीम यार खान एयरबेस पर ऐसा जवाबी हमला किया कि आज तक ये एयरबेस ऑपरेशनल नहीं हो पाया. इस पर हमला किया गया था SAAW से. अब इसी को सुपर स्मार्ट मिसाइल यानी मिनी एयर लॉन्च् क्रूज मिसाइल में बदला जाएगा.
DRDO कर रहा अपग्रेड
DRDO अब इस स्मार्ट बम SAAW को अपग्रेड कर रहा है. इस अपग्रेड के बाद SAAW की मारक क्षमता 100 किलोमीटर से बढ़कर 200 किलोमीटर से भी ज्यादा हो जाएगी. इसके अलावा इसमें अब टर्बोजेट इंजन के साथ एक अतिरिक्त फ्यूल टैंक और एडवांस्ड इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सीकर जोड़ा जाएगा. ये तकनीक इस बम को लंबी दूरी तक उड़ने में मदद करेगी और मोबाइल टारगेट्स जैसे मिसाइल लॉन्चर, रडार ट्रक और सैन्य टुकड़ियों को भी निशाना बनाने लायक बना देगी. दिन हो या रात, धुंध हो या तूफान, ये स्मार्ट बम हर मौसम और हर परिस्थिति में दुश्मन को सटीकता से ढूंढकर खत्म करेगा.
एयरक्राफ्ट के लिए किया जा रहा तैयार
ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए इस घातक हथियार को भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 MKI, तेजस MK1A और राफेल जैसे लड़ाकू विमानों के लिए तैयार किया जा रहा है. 125 किलो वजन वाले इस बम में 72 किलो का हाई-एक्सप्लोसिव पेनिट्रेशन वॉरहेड होता है, जो दुश्मनों के रनवे में बड़ा गड्ढा कर सकता है, बंकर को तोड़ सकता है और रडार स्टेशन को उड़ा सकता है. भारतीय वायुसेना का सुखोई-30 MKI फाइटर जेट एक साथ 20 से 32 SAAW लेकर उड़ सकता है, यानी एक ही स्क्वाड्रन से दुश्मन देश के एयरबेस नेटवर्क को एक झटके में बड़ा नुकसान पहुंचाया जा सकता है.
2016 में हुआ था पहला परीक्षण
इस स्मार्ट बम का पहला परीक्षण 2016 में हुआ था, तब ये एक सिंपल ग्लाइड बम था. INS-GPS से चलने वाला ये बम अब कई तकनीकी बदलावों के बाद भविष्य की लड़ाई के लिए तैयार हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक, इसका अगला परीक्षण जल्द ही चांदीपुर या पोखरण में हो सकता है और उसके बाद इसे भारतीय वायुसेना की ऑपरेशनल ताकत में शामिल कर लिया जाएगा. SAAW अब सिर्फ एक बम नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की उड़ती हुई ताकत है जो बिना शोर किए, दुश्मन को नेस्तनाबूत कर सकती है.