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बांग्लादेश में हिंदुओं पर नहीं थम रहा अत्याचार, 24 घंटे में हिंसा के 6 नए मामले, अब तक 30 से ज्यादा घरों पर अटैक

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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ता ही जा रहा है

बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार की घटनाएं जारी है, बीते दिनों 30 से ज्यादा हिंदुओं के घरों पर इस्लामी भीड़ ने हमला और तोड़फोड़ के साथ सब कुछ लूट लिया. 18 साल के हिंदू छात्र रोनजोन रॉय के नाम से 23 जून को ‘रोनजोन रॉय एलआरएम” नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट खोला गया. इस फर्जी अकाउंट से 19, 20, 25 और 26 जुलाई को मुहम्मद के प्रति कई टिप्पणियां की गईं.

इससे इस्लामवादियों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती थीं, घटनाओं के बारे में जानने के बाद, रोनजोन और परिवार ने अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें सूचित किया. बाद में एक फर्जी अकाउंट से बिना किसी कैप्शन के यही पोस्ट किया गया. इसके बाद वहां लगातार अलग अलग घटनाएं होती रहीं.

क्या था मामला, क्यों पलायन को मजबूर हैं हिंदू?

तथ्यों की पुष्टि किए बिना, इस्लामवादियों की भीड़ 26 जुलाई को रोनजोन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए गंगाचारा की सड़कों पर उतर आई. पुलिस ने उसी दिन तथ्यों की जांच किए बिना रोनजोन को गिरफ्तार कर लिया. गंगाचारा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अल इमरान ने कहा कि जब स्थानीय लोग भड़के, तो हमने तुरंत छापेमारी करके उसे गिरफ्तार कर लिया और कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में लाया. उससे पूछताछ की जा रही है. उस रात भीड़ ने उसके घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की थी.

अगले दिन कथित तौर पर जमात-ए-इस्लामी और एनसीपी से संबद्ध इस्लामवादियों की भीड़ ने अलदादपुर गांव के हिंदू निवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला किया. 30 घरों को लूट लिया गया और तोड़फोड़ की गई. 7 तुलसी मंचों और घरेलू मंदिरों को अपवित्र किया गया. हिंदू निवासियों को अपने घरों से विस्थापित कर दिया गया है और वर्तमान में वे पड़ोसी उपजिलों में अपने परिचित लोगों के साथ रहने को मजबूर हैं. तोड़फोड़, हमले के डर से वे पलायन करने को मजबूर हैं.

24 घंटे में सामने आईं 6 कहानियां

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा जारी है, शुक्रवार को महज 2 घंटे के अंदर गोपीनाथपुर, हरिरामपुर (मानिकगंज) में दो हिंदू अल्पसंख्यक घरों में आग लगा दी गई, ये घर परिमल हलदर और बलाई हलदर के थे. अपराधियों के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है. वहीं एक गर्भवती हिंदू शिक्षिका शिखा रानी रे को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, उन्होंने खुलासा किया कि बांग्लादेश सरकार के एक हिंदू विरोधी सलाहकार आसिफ महमूद के पिता ने उन पर पद छोड़ने का दबाव डाला था. सिर्फ इसलिए कि वह हिंदू है.

इसके बाद बांग्लादेश के चट्टोग्राम में इस्लामवादी सड़क पर एक हिंदू पर बेरहमी से हमला कर दिया, साथ ही मगुरा जिले के भंगुरा गांव में, जमात-ए-इस्लामी के उग्रवादियों ने एक हिंदू युवक की बेरहमी से हत्या कर दी और उसका शव एक बगीचे में लटका दिया. वहीं बांग्लादेश के एक सूत्र ने बताया कि इस्लामवादी बांग्लादेश के हर मंदिर को यह पत्र भेज रहे हैं.

‘या तो आप इस्लाम अपनाओं या देश छोड़ो’

पत्र में लिखा है कि या तो आप इस्लाम धर्म अपना लो या बांग्लादेश छोड़ दो. वहीं खबर ये भी है कि इस्लामवादी हिंदू अल्पसंख्यकों को सार्वजनिक सड़क का उपयोग करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, यहां तक कि इस्लामवादी सड़क का उपयोग करने वाले हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं. बांग्लादेश के गोपालगंज जिले के कोटालीपारा इलाके की घटना है.

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