गिरिडीह शहर इन दिनों ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या से जूझ रहा है, और इसकी सबसे बड़ी वजह बन रहे हैं दिनदहाड़े शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहन. प्रशासन द्वारा निर्धारित नो-एंट्री अवधि के बावजूद ट्रकों, कंटेनरों और अन्य भारी मालवाहकों का शहर की सीमाओं के भीतर प्रवेश करना आम बात हो गई है. इन वाहनों के कारण मुख्य मार्गों पर घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे स्कूली बच्चों, कार्यालय जाने वालों और आपात सेवाओं तक को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. स्थिति यह है कि टावर चौक, बरगंडा, स्टेशन रोड, मौलाना आजाद चौक, अंबेडकर चौक, झंडा मैदान और मकतपुर जैसे प्रमुख इलाकों में सुबह से शाम तक जाम की तस्वीर आम हो गयी है.
ट्रैफिक पुलिस रहती है चुप
नो-इंट्री का समय होते हुए भी कई बार पुलिस और ट्रैफिक कर्मी मौन रहते हैं, या फिर मौजूद ही नहीं रहते. नतीजा यह होता है कि शहर के बीचोबीच भारी वाहन फंस जाते हैं और पीछे-पीछे सैकड़ों छोटे वाहन, ऑटो, बाइक और पैदल यात्री घंटों फंसे रहते हैं. लोगों का कहना है कि जाम के कारण ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पाते, जिससे व्यापार पर भी असर पड़ रहा है. वहीं राहगीरों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस सिर्फ कागज़ों पर ही सक्रिय दिखती है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती. इस संबंध में यातायात थाना प्रभारी दुगन टोपनो ने बताया कि नो एंट्री के समय शहर में भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है, लेकिन इसके बावजूद भी अगर भारी वाहन शहर में प्रवेश कर रहे है, तो उनके ऊपर कार्रवाई होगी.
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