बीते 4 जुलाई को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अमेरिका के जेन स्ट्रीट समूह द्वारा इंडेक्स में हेरफेर के मामले में कड़ी कार्रवाई की थी। अब जेन स्ट्रीट अपने खिलाफ चल रही जांच में आयकर विभाग के साथ सहयोग नहीं कर रही है।
अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट अपने खिलाफ चल रही जांच में आयकर विभाग के साथ सहयोग नहीं कर रही है। दरअसल, आयकर विभाग को जांच के दौरान अब तक कंपनी के सर्वर का एक्सेस नहीं मिल पाया है। इसके अलावा स्थानीय कर्मचारी भी जांच एजेंसी को सहयोग नहीं कर रहे हैं।
सर्वर का एक्सेस नहीं मिल रहा
न्यूज एजेंसी एएनआई सूत्रों के अनुसार कंपनी के सर्वर भारत के बाहर स्थित हैं और अधिकारियों को एक्सेस पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है। सूत्र ने बताया कि सर्वर जांच के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, ट्रेडिंग फर्म के अकाउंट भी भारत के बाहर रखे गए हैं जबकि भारतीय कंपनी कानून के अनुसार उन्हें देश के भीतर ही रखना आवश्यक है। इस वजह से जांच में और बाधाएं पैदा हो रही हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि अमेरिका स्थित इस स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म के भारत में कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है और वे कर्मचारी भी अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। कंपनी से सहयोग न मिलने के कारण कथित तौर पर जांच की प्रगति धीमी हो गई है।
सेबी की कार्रवाई
बता दें कि बीते 4 जुलाई को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अमेरिका के जेन स्ट्रीट समूह द्वारा इंडेक्स में हेरफेर के मामले में कड़ी कार्रवाई की थी। इसके तहत सेबी ने जेन स्ट्रीट समूह द्वारा अर्जित 4,843.57 करोड़ रुपये के अवैध लाभ की वसूली का आदेश दिया। यह आदेश जेन स्ट्रीट समूह के अंतर्गत आने वाली चार प्रमुख संस्थाओं: जेएसआई इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेएसआई2 इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड के लिए था। इसके बाद 21 जुलाई को सेबी ने ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट को एक एस्क्रो खाते में 4,843 करोड़ रुपये जमा करने के बाद भारतीय शेयर बाजारों में व्यापार फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी।