होम नॉलेज निसार सैटेलाइट को ‘धरती का स्कैनर’ क्यों कहा गया? 5 खूबियां जिसने इसे पावरफुल बनाया

निसार सैटेलाइट को ‘धरती का स्कैनर’ क्यों कहा गया? 5 खूबियां जिसने इसे पावरफुल बनाया

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इसरो ने अपने सबसे महंगे और सबसे पावरफुल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट NISAR को लॉन्‍च कर दिया है.

इसरो ने अपने सबसे पावरफुल सैटेलाइट निसार (NISAR) को लॉन्च कर दिया है. इसे धरती का स्कैनर बताया गया है. ISRO ने इसे अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के साथ मिलकर तैयार किया है. 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से लॉन्च हुए इस मिशन के जरिए धरती के बारे में वो जानकारियां मिल पाएंगी जो बहुत जरूरी हैं. NISAR का पूरा नाम है नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) है.

यह सैटेलाइट 12 दिनों तक धरती को स्कैन करके कई दिलचस्प जानकारियां जुटाएगा. दावा किया जा रहा है कि यह धरती के एक इंच तक के बदलाव को भी रिकॉर्ड कर सकेगा. निसार को यूं ही नहीं इसरो का सबसे महंगा और पावरफुल सैटेलाइट कहा जा रहा है. इसके पीछे कई वजह हैं, जो इसे खास बनाती हैं. जानिए, निसार सैटेलाइट की वो खूबियां जिसने इसे पावरफुल बनाया.

क्या है निसार सैटेलाइट, कैसे होगाफायदा?

इस मिशन का मकसद है कि धरती और उसके पर्यावरण को गहराई से समझना है. इसके लिए निसार सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है. तकनीकी रूप से निसार एक हाइटेक सैटेलाइट है. इसे पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में 97 मिनट का समय लगेगा. यह धरती के घने जंगल, यहां हो रहे बदलाव और रात में भी यहां हो रही हरकत पर नजर रख सकता है. यह 12 दिनों में 1,173 चक्कर लगाकर पूरी धरती को स्कैन करके कई तरह की जानकारियां जुटाएगा.

Nisar Satellite

निसार सैटेलाइट को धरती का स्कैनर कहा जा रहा है.

यह सैटेलाइट कई तरह की जानकारियां देगा. जैसे- धरती पर ग्लेशियर कितना पिघल रहे हैं, उनमें कितना बदलाव हो रहा है. जंगल से लेकर खेतों तक के हालातों को मॉनिटर करेगा. इसके जरिए यह पर्यावरण के हालातों से रूबरू कराएगा. समुद्र के हालातों के बारे में भी दिलचस्प जानकारियां देगा. इसके जरिए मिलने वाली जानकारियों से वैज्ञानिक पर्यावरण, क्लाइमेट चेंज और प्राकृतिक आपदाओं के बारे में डाटा और नई जानकारी जुटा पाएंगे. इनका एनालिसिस करके वो कई मामलों में भविष्यवाणी कर सकेंगे.

निसार सैटेलाइट क्यों है पावरफुल? 5 बड़ी बातें

  1. पहला खास तरह का सैटेलाइट: यह दो सिंथेटिक अपर्चर रडार (SARS) से लैस पहला उपग्रह भी है, जो अलग-अलग फ्रीक्वेंसी बैंड में काम करता है. यह इसे अब तक का सबसे शक्तिशाली अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट बनाता है, जो डेटा और हाई-रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें जनरेट करता है. यह कई रिसर्च में मददगार साबित होंगी.
  2. गोल्ड प्लेटेड रडार एंटीना: निसार में लगा 12 मीटर डायमीटर वाला गोल्ड प्लेटेड रडार एंटीना धरती पर माइक्रोवेव सिगनल्स को भेजेगा. ये वापस लौटकर जानकारी देंगे. इस तरह यह एंटीना कई दिलचस्प जानकारियां देने का काम करेगा.
  3. सोलर ऐरे: सैटेलाइट में लगा सोलर ऐरे बिजली पैदा करने का काम करेगा, जिसका इस्तेमाल इसमें लगा रडार कर सकेगा.
  4. L-Band SAR: यह हाई वेवलेंथ और माइक्रोवेव्स का इस्तेमाल करके पेड़ों, बर्फ और रेत को भेदकर नीचे की ज़मीन का मानचित्र सकती है.
  5. 45-बैंड SAR: यह कम वेवलेंथ का इस्तेमाल करता है, इसलिए यह ज़मीन में बहुत गहराई तक प्रवेश नहीं कर सकता, लेकिन S-बैंड SAR फ़सल के खेतों और वाटर सिस्टम की खूबियों को कैप्चर कर सकता है.

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