लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान राजनाथ सिंह ने कई सवालों के जवाब देते हुए कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर किसी के दबाव में आकर नहीं रोका गया। वहीं विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर करारा प्रहार किया।
लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हुई चर्चा के दौरान गहमा-गहमी बनी रही। एक तरफ जहां सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर किसी दबाव में नहीं रोका गया, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की कोशिश की। इस बीच लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण के दौरान रक्षा मंत्री और राहुल गांधी के बीच तीखी बहस भी हुई। दरअसल रक्षा मंत्री जब सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर बोल रहे थे, तभी राहुल गांधी उन्हें बीच में ही रोकते हुए सवाल पूछने लगे।
इससे पहले रक्षा मंत्री सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर जानकारी दे रहे थे। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा है कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि यह ऑपरेशन किसी दबाव में आकर रोका गया। रक्षा मंत्री ने कहा है कि इस दौरान सुरक्षा बलों को पूरी आजादी दी गई थी। उन्होंने कहा, “हमारे रक्षा बलों को पूरी आजादी दी गई थी कि वे अपने टारगेट खुद चुनें और करारा जवाब दें।” उन्होंने आगे कहा, “10 मई की सुबह जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई ठिकानों पर करारा प्रहार किया, तब पाकिस्तान ने हार मान ली और संघर्ष रोकने की बात करने लगा।” रक्षा मंत्री ने कहा, “उन्होंने हमारे डीजीएमओ से बात की कि महाराज अब बहुत हो गया, इसे रोक दीजिए।”
खड़े हो गए राहुल गांधी
इससे पहले राजनाथ कुछ और कहते, राहुल गांधी अचानक खड़े हो गए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पूछा, “ तो आपने रोकी क्यों?” राहुल गांधी लगातार यह सवाल पूछने लगे जिसके बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ। रक्षा मंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे पर विस्तार से बात कर रहे हैं और सभी सवालों के जवाब देंगे। रक्षा मंत्री ने कहा, “यह क्यों रुका इसका वर्णन मैं कर चुका हूं। मैं नेता प्रतिपक्ष को सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि आपको प्रश्न पूछने का पूरा अधिकार है, लेकिन पहले मेरा पूरा भाषण सुन लीजिए।”
विपक्ष को राजनाथ सिंह का जवाब
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान विपक्ष पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस को यह पूछना चाहिए कि हमनें दुश्मनों के कितने विमान गिराए। लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘विपक्ष के लोग पूछते रहे हैं कि हमारे कितने विमान गिरे। मुझे लगता है कि उनका यह प्रश्न हमारी राष्ट्रीय जनभावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक बार भी हमसे यह नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए? अगर उन्हें प्रश्न पूछना ही है तो यह पूछना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया, तो उसका उत्तर है ‘हां’। उन्होंने कहा, ‘‘मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपको प्रश्न पूछना है तो यह पूछिए कि क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा तो उसका उत्तर है ‘हां’। आपको प्रश्न पूछना है तो यह प्रश्न पूछिए कि जिन आतंकियों ने हमारी बहनों, हमारी बेटियों का सिंदूर मिटाया, क्या हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर में उन आतंकियों के आकाओं को मिटाया तो इसका उत्तर है ‘हां’।’’
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, ‘‘आपको प्रश्न पूछना है तो यह पूछिए कि क्या जांबाज सैनिकों को कोई क्षति हुई है तो उत्तर है ‘नहीं’। हमारे सैनिकों की कोई क्षति नहीं हुई।’’ उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और यह संख्या अधिक भी हो सकती है। सिंह ने कहा कि जब लक्ष्य बड़े हों तो अपेक्षाकृत छोटे मुद्दों पर हमारा ध्यान नहीं जाना चाहिए, क्योंकि छोटे मुद्दों पर ही ध्यान देते रहने से देश की सुरक्षा और सैनिकों के सम्मान और उत्साह जैसे बड़े मुद्दों से ध्यान हट सकता है जैसा कि विपक्ष के कुछ साथियों के साथ हो रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी परीक्षा के बाद परिणाम मायने रखता है। किसी परीक्षा में कोई बच्चा अच्छे अंक लेकर आ रहा है तो हमारे लिए उसके अंक मायने रखने चाहिए। इस बात का ध्यान नहीं रखना चाहिए कि परीक्षा में उसकी पेंसिल टूट गई थी या उसका पेन खो गया। अंतत: परिणाम मायने रखता है। परिणाम यह है कि ऑपरेशन सिंदूर में निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण रूप से पाने में भारत को सफलता मिली।’’