समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीरभूम जिले के बोलपुर से ‘भाषा आंदोलन’ की शुरुआत करते हुए घोषणा की कि वह अपनी जान दे देंगी, लेकिन किसी को भी अपनी भाषा नहीं छीनने देंगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कथित तौर पर राज्य का बकाया पैसे नहीं दे रही है। ममता ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या आपने मालदीव के राष्ट्रपति से गले मिलते समय उनसे उनका धर्म पूछा था। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने बंगाल को उसका बकाया नहीं दिया, जबकि पड़ोसी देश को 5,000 करोड़ रुपये दान दे दिए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देशभर में बांग्ला भाषी प्रवासियों पर कथित हमलों के विरोध में सोमवार को बीरभूम जिले के बोलपुर से ‘भाषा आंदोलन’ की शुरुआत की और कहा, “मैं जान दे दूंगी, लेकिन किसी को अपनी भाषा छीनने की इजाजत नहीं दूंगी।” ममता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि जब वह (मोदी) अरब देशों की यात्रा पर जाते हैं, तो क्या शेख से यह पूछकर गले मिलते हैं कि वे हिंदू हैं या मुसलमान।
‘मैं किसी भाषा के खिलाफ नहीं’: ममता
मुख्यमंत्री ने बोलपुर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह भाषा के आधार पर विभाजन नहीं चाहतीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी भाषा के खिलाफ नहीं हूं, मेरा मानना है कि विविधता में एकता हमारे राष्ट्र की नींव है।’’ममता ने कहा, ‘‘आप सब कुछ भूल सकते हैं, लेकिन आपको अपनी ‘अस्मिता’, मातृभाषा और मातृभूमि को नहीं भूलना चाहिए।’’ उन्होंने दावा किया कि बांग्ला दुनिया में पांचवीं और एशिया में दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, फिर भी बंगालियों पर अत्याचार हो रहा है।
प्रधानमंत्री की हालिया मालदीव यात्रा पर निशाना
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की हालिया मालदीव यात्रा पर भी निशाना साधा और कहा, “क्या आपने मालदीव के राष्ट्रपति से उनका धर्म पूछा था जब आपने उन्हें गले लगाया था और बंगाल को उसका हक नहीं देते हुए 5,000 करोड़ रुपये का दान मोहम्मद मुइज्जू की सरकार को दे दिया था।” ममता ने सवाल किया कि अगर हम बंगाल में 1.5 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को आश्रय दे सकते हैं, तो आप अन्य राज्यों में काम करने वाले 22 लाख बंगाली प्रवासियों को क्यों नहीं स्वीकार कर सकते।
एनआरसी लागू होने नहीं देंगे: ममता
मुख्यमंत्री ने पड़ोसी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का परोक्ष संदर्भ देते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के इशारे पर निर्वाचन आयोग पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वह पश्चिम बंगाल में न तो एनआरसी लागू होने देंगी और न ही कोई निरुद्ध केंद्र स्थापित करने देंगी। (भाषा इनपुट्स के साथ)