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गाजा में इजराइली गोलीबारी में 53 फिलिस्तीनियों की मौत, खाने की तलाश में थे लोग

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गाजा पर हमला. (फाइल फोटो)

गाजा में पिछले दो दिनों में हुए इजराइली हवाई हमलों और गोलीबारी में कम से कम 53 लोग मारे जा चुके हैं. फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों और स्थानीय एम्बुलेंस सेवा के अनुसार, ज़्यादातर लोगों की मौत सहायता मांगते समय गोली मारकर की गई. वहीं भुखमरी से भी मौतें हो रही हैं. बता दें कि उत्तर में इजराइल से लगी जिकिम क्रॉसिंग के पास कुछ ही घंटों के भीतर दो बार घातक इजराइली गोलीबारी की सूचना मिली.

शिफ़ा अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि पहली घटना में, सहायता ट्रकों का इंतजार कर रहे कम से कम एक दर्जन लोग मारे गए. इजराइली सेना ने कहा कि उसने तत्काल खतरे के जवाब में भीड़ को दूर रखने के लिए चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं और उसे किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है.

इजराइली सेना ने की गोलीबारी

एक प्रत्यक्षदर्शी, शेरिफ अबू आयशा ने कहा कि जब लोगों ने एक रोशनी देखी, जो उन्हें सहायता ट्रकों की लगी, तो वे भागने लगे, लेकिन जैसे ही वे पास पहुंचे, उन्हें एहसास हुआ कि वह इजराइली टैंक थे. उन्होंने बताया कि तभी सेना ने गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि मारे गए लोगों में उनके चाचा भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हम इसलिए गए क्योंकि वहां खाना नहीं था.

खाना लेने की कोशिश कर रही भीड़ पर हमला

शनिवार शाम को, शिफा अस्पताल के निदेशक डॉ. मोहम्मद अबू सेल्मिया ने बताया कि इजराइली सेना ने संयुक्त राष्ट्र के एक काफिले से खाना लेने की कोशिश कर रही भीड़ पर गोलीबारी करके कम से कम 11 लोगों को मार डाला और 120 अन्य को घायल कर दिया. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में संख्या बढ़ जाएगी. इजराइली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई.

अस्पताल के कर्मचारियों और एम्बुलेंस सेवा ने बताया कि हमलों में मारे गए लोगों में गाजा शहर की एक अपार्टमेंट इमारत में रहने वाले चार लोग शामिल हैं. नासेर अस्पताल के अनुसार, दक्षिणी शहर खान यूनिस के मुवासी के भीड़भाड़ वाले तंबू शिविर में एक और इज़राइली हमले में चार बच्चों सहित कम से कम आठ लोग मारे गए.

21 महीने से चल रहा युद्ध

अस्पताल के मुर्दाघर रिकॉर्ड के अनुसार, खान यूनिस में भी, इजराइली सेना ने गोलीबारी की और मोराग गलियारे के माध्यम से गाजा में सहायता प्राप्त करने की कोशिश कर रहे कम से कम नौ लोगों को मार डाला. शनिवार को ज़िकिम में हुई गोलीबारी ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही दिन पहले कम से कम 80 फिलिस्तीनी सहायता पाने के लिए क्रॉसिंग से प्रवेश करने की कोशिश करते हुए मारे गए थे. 21 महीने के युद्ध में सहायता चाहने वालों के लिए यह सबसे घातक दिन था.

अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना

इज़राइल पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है. दो दर्जन से ज़्यादा पश्चिमी देशों और 100 से ज़्यादा धर्मार्थ और मानवाधिकार समूहों ने युद्ध को खत्म करने का आह्वान किया है और इजराइल की नाकाबंदी और उसके द्वारा शुरू किए गए नए सहायता वितरण मॉडल की कड़ी आलोचना की है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि मई से अब तक इजराइली बलों ने भोजन प्राप्त करने की कोशिश करते हुए 1,000 से ज़्यादा फिलिस्तीनी मारे हैं. धर्मार्थ और अधिकार समूहों ने कहा कि उनके अपने कर्मचारियों को पर्याप्त भोजन हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा.

गाजा के लिए खड़े हो जाओ

बेथलहम स्थित चर्च ऑफ़ द नेटिविटी के ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पादरी फादर इस्सा थलजीह ने कहा कि गाजा के लिए खड़े हो जाओ, क्योंकि चुप्पी एक अपराध है और उदासीनता मानवता के साथ विश्वासघात है. धार्मिक हस्तियों और महापौर ने युद्ध खत्म करने के लिए प्रार्थना का आह्वान किया.

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