ड्रोन युद्ध की बढ़ती भूमिका को देखते हुए सभी 400 से अधिक इन्फैंट्री बटालियनों में ड्रोन प्लेटून बनाए जा रहे हैं। निगरानी, टारगेटिंग और अटैक के लिए दिव्यास्त्र बैटरियां तैनात की जा रही हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को निर्णायक जवाब देने के बाद भारतीय सेना अब खुद को भविष्य के युद्ध के लिए तैयार कर रही है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर ऐलान किया कि सेना अब रुद्र ब्रिगेड, भैरव कमांडो बटालियन, दिव्यास्त्र बैटरियां और ड्रोन प्लेटून जैसे अत्याधुनिक सैन्य संरचनाओं के साथ सीमा पर तैनाती को और ज्यादा आक्रामक बना रही है।
रुद्र ब्रिगेड: हर मोर्चे पर ऑल-आर्म्स युद्ध की क्षमता
अब तक सेना की ज्यादातर ब्रिगेडें एकल-हथियार (जैसे केवल इन्फैंट्री या केवल आर्टिलरी) आधारित होती थीं। लेकिन अब सेना उन्हें बदलकर ‘रुद्र ब्रिगेड’ बना रही है, जो स्थायी रूप से एक साथ तैनात रहेंगी। इनमें पैदल सेना (इन्फैंट्री), टैंक और बख्तरबंद वाहन (आर्मर्ड यूनिट्स), तोपखाना, स्पेशल फोर्सेज, ड्रोन और UAV यूनिट्स के साथ-साथ कस्टमाइज्ड लॉजिस्टिक और कॉम्बैट सपोर्ट होंगे। दो रुद्र ब्रिगेड पहले ही तैयार की जा चुकी हैं। इन्हें विशिष्ट इलाकों और मिशनों के अनुसार टेलर-मेड किया गया है।
भैरव कमांडो बटालियन: दुश्मन के पीछे जाकर हमला करने वाली फोर्स
सेना अब पारंपरिक 10 पैरा स्पेशल फोर्स और 5 पैरा बटालियनों के अलावा, 40 से 50 नई ‘भैरव बटालियन’ बना रही है। ये तेज, घातक और पूरी तरह से मॉडर्न तकनीक से लैस होंगी। दुश्मन की सीमा के पीछे तक जाकर ऑपरेशन करने में सक्षम होगी। ड्रोन्स, AI-आधारित सिस्टम और स्मार्ट हथियारों से लैस होगी। जनरल द्विवेदी ने कहा, “भैरव यूनिट्स दुश्मन को चौंकाने के लिए तैयार हैं।”
ड्रोन युद्ध की बढ़ती भूमिका को देखते हुए सभी 400 से अधिक इन्फैंट्री बटालियनों में ड्रोन प्लेटून बनाए जा रहे हैं। निगरानी, टारगेटिंग और अटैक के लिए दिव्यास्त्र बैटरियां तैनात की जा रही हैं।
भारत की वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत करते हुए आकाश प्राइम मिसाइल सिस्टम को तैनात किया जा रहा है। 25 किमी तक की इसकी रेंज है। दुश्मन के ड्रोन, हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है। QRSAM सिस्टम की रेंज 30 किमी है। यह तेजी से रिएक्शन देने में सक्षम है। दो नई आकाश प्राइम रेजीमेंट और तीन QRSAM रेजीमेंट की खरीद प्रक्रिया जारी है। इसकी कुल लागत 44,000 करोड़ से अधिक है।
आपको बता दें कि इन सिस्टम्स ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की निर्मित ड्रोन और चीनी मिसाइलों के हमलों को नाकाम किया।
सेना प्रमुख का पाकिस्तान को कड़ा संदेश
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा, “हमने उन्हें शांति का मौका दिया, लेकिन उन्होंने कायरता दिखाई। हमने सिर्फ वीरता से जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर हमारा संदेश और संकल्प है।” उन्होंने कहा कि भारत ने अब रणनीतिक आत्मनिर्भरता और सरकार के समर्थन के साथ एक योजनाबद्ध, सटीक और निर्णायक जवाब दिया।
आपको बता दें कि 7 से 10 मई 2025 के बीच चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में मौजूद आतंकी लॉन्च पैड, मिसाइल साइट्स और ड्रोन बेस को सटीक हमलों में तबाह कर दिया था। इस ऑपरेशन में S-400 डिफेंस सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल और भारतीय वायु सेना की भूमिका रही।