कंबोडिया के साथ संघर्षरत देश थाईलैंड इन दिनों चर्चा में है. दोनों ही देश की सेनाएं बीते कई दिनों से आमने-सामने हैं. दुनिया भर के आम लोग मानते हैं कि थाईलैंड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार पर्यटन है. पर, यह अर्धसत्य है. पर्यटन उसकी आय के स्रोत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा तो है लेकिन इस देश के पास आय के कई अन्य स्रोत भी हैं, जिनसे यह छोटा देश अपना खजाना भरता आ रहा है.
दक्षिण-पूर्व एशिया का एक प्रमुख देश है थाईलैंड, जिसकी अर्थव्यवस्था विविधता से भरपूर है. इसकी अर्थव्यवस्था कृषि, उद्योग, निर्यात, सेवाएं, पर्यटन, और अन्य कई क्षेत्रों का भी महत्वपूर्ण योगदान है. आइए, विस्तार से समझते हैं कि थाईलैंड की आय के मुख्य स्रोत कौन-कौन से हैं, उनकी भूमिका क्या है, और वे देश के आर्थिक विकास में किस प्रकार योगदान करते हैं?
1. खेती-किसानी: दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक
थाईलैंड की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ कृषि है. देश की लगभग 30 फीसदी जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है. थाईलैंड विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है. यहां के चावल, खासकर ‘जैस्मिन राइस’, अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत प्रसिद्ध हैं. इसके अलावा, थाईलैंड रबर, कसावा, गन्ना, मक्का, फल (जैसे ड्यूरियन, मैंगोस्टीन, अनानास), और समुद्री उत्पादों का भी बड़ा उत्पादक और निर्यातक है.
कृषि क्षेत्र न केवल घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी देता है. सरकार द्वारा समय-समय पर किसानों के लिए सब्सिडी, सिंचाई परियोजनाएं, और तकनीकी सहायता दी जाती है, जिससे कृषि उत्पादन में निरंतर वृद्धि हो रही है.
2. उद्योग और निर्माण: थाइलैंड कहलाता है ‘डिट्रॉयट ऑफ एशिया’
थाईलैंड का औद्योगिक क्षेत्र देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है. यहां ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, खाद्य प्रसंस्करण, रसायन, और सीमेंट जैसे उद्योग प्रमुख हैं. थाईलैंड को ‘डिट्रॉयट ऑफ एशिया’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां जापानी, अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों के कई ऑटोमोबाइल प्लांट्स हैं. टोयोटा, होंडा, फोर्ड, और इसुजु जैसी कंपनियाँ यहां बड़े पैमाने पर वाहन निर्माण करती हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर हार्डवेयर का उत्पादन भी थाईलैंड की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है. हार्ड डिस्क ड्राइव, सर्किट बोर्ड, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात थाईलैंड को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाता है.
3. चीन से यूरोपीय यूनियन तक, बड़े देशों से व्यापार
थाईलैंड की अर्थव्यवस्था में निर्यात का बहुत बड़ा योगदान है. देश के कुल जीडीपी का लगभग 60 फीसदी हिस्सा निर्यात से आता है. थाईलैंड मुख्य रूप से चावल, रबर, समुद्री उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, कपड़े, रसायन, और कृषि उत्पादों का निर्यात करता है. इसके प्रमुख व्यापारिक साझेदार चीन, जापान, अमेरिका, यूरोपीय संघ, और आसियान देश हैं.
निर्यात से होने वाली आय न केवल विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करती है, बल्कि देश के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित करती है. सरकार द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र, टैक्स छूट, और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश किया जाता है.

थाइलैंड की कमाई में पर्यटन का भी अहम रोल है. फोटो: Patchareeporn Sakoolchai/Moment/Getty Images
4. पर्यटन: ‘थाईलैंड स्माइल्स अगेन’ से बूस्ट किया टूरिज्म
पर्यटन थाईलैंड की अर्थव्यवस्था का सबसे चर्चित और महत्वपूर्ण क्षेत्र है. हर साल करोड़ों विदेशी पर्यटक थाईलैंड के समुद्र तटों, ऐतिहासिक स्थलों, बौद्ध मंदिरों, और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं. बैंकॉक, पटाया, फुकेट, चियांग माई, और क्राबी जैसे शहर विश्व प्रसिद्ध हैं.
पर्यटन से न केवल विदेशी मुद्रा अर्जित होती है, बल्कि होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट, हस्तशिल्प, और मनोरंजन उद्योग को भी बढ़ावा मिलता है. कोविड-19 महामारी के दौरान पर्यटन क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ, लेकिन अब यह फिर से पटरी पर लौट आया है. सरकार द्वारा ‘थाईलैंड स्माइल्स अगेन’ जैसी योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिससे पर्यटन को और मजबूती दी जा सके.
5. सर्विस सेक्टर: मेडिकल टूरिज्म ने दी अर्थव्यवस्था को रफ्तार
सेवाएं, विशेषकर बैंकिंग, बीमा, स्वास्थ्य, शिक्षा, और सूचना प्रौद्योगिकी, थाईलैंड की अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ रही हैं. बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं देश के व्यापार और निवेश को सुगम बनाती हैं. थाईलैंड का स्वास्थ्य क्षेत्र भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है, जिसे ‘मेडिकल टूरिज्म’ के नाम से जाना जाता है. हर साल लाखों विदेशी नागरिक यहाँ सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने आते हैं.
शिक्षा और आईटी सेवाएं भी देश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रही हैं. सरकार द्वारा डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिससे थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया का तकनीकी हब बनने की ओर अग्रसर है.
6. मत्स्य पालन और समुद्री उत्पाद: सी-प्रोडक्ट का बड़ा निर्यातक
थाईलैंड का मत्स्य पालन क्षेत्र भी आय का एक बेहतरीन स्रोत है. यहां के समुद्री उत्पाद, जैसे झींगे, मछली, केकड़े, और स्क्विड, अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत लोकप्रिय हैं. थाईलैंड विश्व के शीर्ष समुद्री उत्पाद निर्यातकों में से एक है. मत्स्य पालन से जुड़े लाखों लोगों को रोजगार मिलता है, और यह क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देता है.
7. खनिज-प्राकृतिक संसाधन: इसकी आय से हो रहा औद्योगिक विकास
थाईलैंड में टिन, टंगस्टन, जिप्सम, लिग्नाइट, और प्राकृतिक गैस जैसे खनिजों का उत्पादन भी होता है. प्राकृतिक गैस का उपयोग घरेलू ऊर्जा उत्पादन और निर्यात दोनों के लिए किया जाता है. खनिज संसाधनों से होने वाली आय देश के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास में सहायक है.
8. विदेशी निवेश: पॉलिसीज ने इंवेस्टर्स को किया अट्रैक्ट
थाईलैंड विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक देश के रूप में पहचान रखता है. यहां की राजनीतिक स्थिरता, विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर, और व्यापार के अनुकूल नीतियां विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करती हैं. जापान, चीन, अमेरिका, और यूरोपीय देशों की कई कंपनियां थाईलैंड में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स और ऑफिस खोल चुकी हैं. विदेशी निवेश से न केवल पूंजी आती है, बल्कि तकनीकी ज्ञान और रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं.
9. हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग: बढ़ाए रोजगार के मौके
थाईलैंड के हस्तशिल्प, जैसे सिल्क, लकड़ी की नक्काशी, मिट्टी के बर्तन, और पारंपरिक गहने, देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं. ये कुटीर उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और छोटे कारीगरों को रोजगार प्रदान करते हैं. हस्तशिल्प का निर्यात भी थाईलैंड की आय में अहम योगदान देता है.
10. यहां भी हो रही कमाई
थाईलैंड की आय के कुछ अन्य स्रोत भी हैं, जो यहाँ की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं. इनमें रियल एस्टेट, निर्माण, परिवहन, और संचार क्षेत्र शामिल हैं. देश में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, जिससे रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में भारी निवेश हो रहा है. परिवहन और संचार सेवाओं का विस्तार भी देश की आर्थिक गतिविधियों को गति देता है.
थाइलैंड से जुड़ी दिलचस्प बातें
- थाईलैंड की अनुमानित जनसंख्या लगभग 7 करोड़ है. संयुक्त राष्ट्र और थाईलैंड के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, यह संख्या स्थिर है और हाल के वर्षों में जनसंख्या वृद्धि दर धीमी हो गई है.
- देश की आबादी का बड़ा हिस्सा शहरी क्षेत्रों, खासकर बैंकॉक और उसके आसपास, केंद्रित है.
- साल 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, थाईलैंड ने लगभग 290 अरब अमेरिकी डॉलर का माल और सेवाओं का निर्यात किया. मुख्य निर्यात वस्तुओं में इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, चावल, रबर, समुद्री उत्पाद, रसायन, और वस्त्र आदि हैं. निर्यात से होने वाली आय देश की जीडीपी का लगभग 60% है.
- थाईलैंड की आधिकारिक मुद्रा “थाई बहत” (Thai Baht) है. इसका अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोड THB है.
- 1 थाई बहत लगभग 2.67 भारतीय रुपये है. ध्यान रहे विनिमय दर समय-समय पर बदलती रहती है.
- कोविड-19 महामारी के बाद पर्यटन में गिरावट आई थी, लेकिन 2023-24 में थाईलैंड ने फिर से मजबूती हासिल की.
- 2023 में थाईलैंड में लगभग 2.8 करोड़ विदेशी पर्यटक आए. साल 2024 में यह संख्या बढ़कर करोड़ के आसपास रही. चालू वर्ष में भी पर्यटकों की संख्या बदस्तूर है.
इस तरह आसानी से समझा जा सकता है कि थाईलैंड की अर्थव्यवस्था बहुआयामी है और केवल पर्यटन पर निर्भर नहीं है. कृषि, उद्योग, निर्यात, सेवाएं, मत्स्य पालन, खनिज, विदेशी निवेश, और हस्तशिल्प जैसे विविध क्षेत्रों से देश को आय प्राप्त होती है. इन सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास थाईलैंड को दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करता है. सरकार द्वारा समय-समय पर नीतिगत सुधार, तकनीकी नवाचार, और वैश्विक साझेदारियों के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति को और मजबूत किया जा रहा है.
ऐसे में यह कहना गलत होगा कि थाईलैंड केवल पर्यटन के सहारे है. वास्तव में, उसकी आर्थिक नींव बहुत गहरी और विविध है, जो उसे वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाती है.
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