सूत्रों के अनुसार, धनखड़ ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए संसद टीवी के इन-चार्ज व सचिव के पद पर एक जूनियर अफसर की नियुक्ति की कोशिश की थी। इस पद पर नियुक्ति करने का अधिकार उनका नहीं, बल्कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) का है।
जगदीप धनखड़ ने इस हफ्ते की शुरुआत में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। भले ही उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया हो, लेकिन असल मामला कुछ और ही है। अब अप्रैल महीने में उनके द्वारा की गई संसद टीवी में एक नियुक्ति की कोशिश का मामला भी सामने आया है, जिसने सरकार के सामने एक संकट खड़ा कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, धनखड़ ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए संसद टीवी के इन-चार्ज व सचिव के पद पर एक जूनियर अफसर की नियुक्ति की कोशिश की थी। इस पद पर नियुक्ति करने का अधिकार उनका नहीं, बल्कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) का है। इस दौरान पीएम मोदी भी विदेश में थे और फिर अधिकारियों ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए इसे रोक दिया था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह मामला धनखड़ के इस्तीफे की वजह बना?
न्यूज 18 के अनुसार, अप्रैल महीने में तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सचिव रजित पुहनानी को कौशल विकास सचिव बनाए जाने के बाद एक जूनियर अधिकारी को संसद टीवी का सचिव व इन चार्ज बनाना चाहते थे। हालांकि, इस पद पर उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति भी नियुक्तियां नहीं कर सकते हैं। यह सिर्फ एसीसी के अधीन आती हैं। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस दौरान धनखड़ ने यह कदम उठाया, उस समय प्रधानमंत्री मोदी देश में नहीं थे।
इसके बाद अधिकारियों ने बीच में हस्तक्षेप किया और उसे बीच में रोक दिया गया। जिस अफसर की नियुक्ति हो रही थी, उसे भी ज्वाइन नहीं करने के लिए कहा गया। सरकार की ओर से साफ कर दिया गया कि यह नियुक्ति पूरी तरह से अवैध है और अगर ज्वाइन करते हैं तो फिर भविष्य में कानून का सामना करना पड़ सकता है। अधिकारी को सुझाव दिया गया कि अगर उनपर ज्वाइन करने का दबाव भी बनाया जाता है या फिर आदेश भी आता है तो भी वे ज्वाइन न करें और छुट्टी पर चले जाएं। इस मुद्दे पर कई बार कैडर नियंत्रण अधिकारियों, पीएमओ और राज्यसभा सचिवालय के बीच बातचीत हुई थी।
बता दें कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ गई है। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी को चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया। जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके कारण यह चुनाव कराना आवश्यक हो गया है। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 को समाप्त होना था। निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि कानून एवं न्याय मंत्रालय से परामर्श करके और राज्यसभा के उपसभापति की सहमति के बाद उसने 2025 के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पी सी मोदी को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा सचिवालय की संयुक्त सचिव गरिमा जैन और राज्यसभा सचिवालय के निदेशक विजय कुमार को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है।