प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व अधिकारी पर अपने पद का दुरुपयोग करने और डरा धमका कर एक शख्स से पांच लाख रुपये बतौर घूस लेने का आरोप था। सीबीआई की अदालत ने इन आरोपों को सही पाया और पूर्व अधिकारी को तीन साल जेल की सजा तय कर दी।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सीबीआई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक पूर्व अधिकारी को पांच लाख रुपये घूस लेने के आरोप में दोषी करार देते हुए तीन साल सश्रम कारावास की सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने उस आरोपी पूर्व अधिकारी पर साढ़े पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने बेंगलुरू निदेशालय में कार्यरत ईडी के तत्कालीन प्रवर्तन अधिकारी ललित बजाड़ को दोषी ठहराया और ये सजा मुकर्रर की।
ललित बजाड़ केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के अधिकारी थे, जो चेन्नई में पदस्थापित थे और ईडी में प्रतिनियुक्ति पर आए थे।सीबीआई की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्हें एक निजी शिकायतकर्ता से अवैध रूप से पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने और लेने के लिए दोषी ठहराया गया है। बजाड़ पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यापारी को कानूनी कार्यवाही में उलझाकर उसके व्यवसाय और प्रतिष्ठा को अवैध नुकसान पहुंचाने का डर दिखाया था और इसके एवज में 5 लाख की घूस मांगी थी।
मामला सीबीआई को सौंपा गया था
बाद में ये मामला सीबीआई को सौंप दिया गया, जिसने जांच में बजाड़ के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया। सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि एजेंसी की बेंगलुरु इकाई में तैनात अधिकारी पर विशेष अदालत ने 5.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
लोन ऐप और मनी लॉन्ड्रिंग जांच टीम का हिस्सा थे ईडी अधिकारी
केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने एक व्यवसायी से तत्काल मोबाइल ऐप लोन मामले में कथित तौर पर 5 लाख रुपये की जबरन वसूली करने के आरोप में ललित बजाड़ के खिलाफ जून 2021 में मामला दर्ज किया था। उस वक्त ईडी की बेंगलुरु टीम लोन ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच हैदराबाद साइबर पुलिस के साथ कर रही थी। तभी ललित बजाड़ ने एक कारोबारी को डराकर पांच लाख रुपये घूस ऐंठे थे।