होम विदेश कंबोडिया के सामने बेबस थाईलैंड! दूर से गोली मारे या रॉकेट, बॉर्डर पर कदम रखा तो उड़ जाएंगे परखच्चे

कंबोडिया के सामने बेबस थाईलैंड! दूर से गोली मारे या रॉकेट, बॉर्डर पर कदम रखा तो उड़ जाएंगे परखच्चे

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कंबोडिया की बारूरी सुरंगें थाईलैंड की बड़ी मुसीबत हैं.

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच का विवाद जंग तक पहुंच गया है, दोनों ओर से लगातार हमले जारी हैं, इस बीच सामने आया है कि थाईलैंड ने कंबोडिया पर क्लस्टर बम दाग दिया है. हालांकि कंबोडिया के पास एक ऐसी ताकत है, जिसके आगे थाईलैंड बेबस है. कंबोडिया की ये ताकत हैं बारूदी सुरंगें. ऐसा कहा जा रहा है कि शिवमंदिर तो एक बहाना है, इस बार भी जो तनाव बढ़ा है उसका कारण बारूदी सुरंगे ही हैं.ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि थाईलैंड की ओर से ये आरोप लगाया गया है कि कंबोडिया नई बारूदी सुरंगे बिछा रहा है, जबकि पहले से बनी सुरंगों को अभी तक खत्म नहीं किया गया.

थाईलैंड और कंबोडिया एक-दूसरे से 817 किलोमीटर का बॉर्डर शेयर करते हैं, इस सीमा पर कई बिंदु ऐसे हैं जिन पर संप्रभुता को लेकर दोनों देशों के बीच पिछली एक सदी से विवाद है. इन्हें लेकर दोनों देशों के बीच पहले भी कई बार झड़प हुई जिनमें एक दर्जन से अधिक जवान भी मारे गए हैं. 2011 में भी दोनों देशों ने एक दूसरे पर कई दिनों तक तोपों से हमला किया था. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल भी मई में दोनों देशों के बीच गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी.

क्या बारूदी सुरंगे हैं युद्ध की असली वजह

दोनों देशों के बीच युद्ध की नई वजह बारूदी सुरंगों को बताया जा रहा है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक थाईलैंड ने इसी सप्ताह कंबोडिया पर विवादित क्षेत्र में बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया था. इसमें तीन सैनिक भी घायल हुए थे. कंबोडिया की ओर से इस आरोप को निराधार बताया गया है. कंबोडिया की ओर से अपनी सफाई में इतना कहा गया है कि देश के सैनिक रास्ता भटक गए थे, इसीलिए उन्होंने गलती से एक बारूदी सुरंग को सक्रिय कर दिया था. नई बारूदी सुरंग कोई नहीं बनाई गई.

लाखों में हो सकती है बारूदी सुरंगों की संख्या

कंबोडिया की सीमा पर बनीं ये बारूदी सुरंगें कई साल पहले गृहयुद्ध के दौरान बनाई गईं थीं, जिस ग्रुप को इन बारूदी सुरंगों को हटाने का काम दिया गया है, उसके मुताबिक इन सुरंगों की संख्या लाखों में हो सकती है. ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन खुद बारूदी सुरंगों की समस्या को सुलझाने में कंबोडिया व अन्य देशों की मदद कर रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन इस क्षेत्र में शांति चाहता है. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने दोनों देशों में हुई झड़प के बाद कहा कि पिछले साल ही चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के इंजीनियरिंग विवि की ओर से कंबोडिया और लाओस में बारूदी सुरंगों को हटाने की ट्रेनिंग दी गई थी.

कैसे थाईलैंड के लिए बड़ा खतरा हैं बारूदी सुरंगे

कंबोडिया की सीमा पर बड़ी संख्या में बारूदी सुरंगे हैं, अगर दोनों देशों में संघर्ष बढ़ता है और थाईलैंड की सेना कंबोडिया की सीमा में दाखिल होने की कोशिश करती है तो सुरेंगे सैनिकों और वाहनों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं. इससे थाईलैंड सेना का मूवमेंट प्रभावित हो सकता है, उसे उन्हीं रास्तों पर चलना होगा जहां सुरंगें नहीं हैं, ऐसे में वह कंबोडिया का सीधा निशाना होंगे.

इंटरनेशनल कोर्ट में मामला उठा सकता है थाईलैंड

हालांकि कंबोडिया की बारूदी सुरंगे थाईलैंड के लिए राजनयिक ताकत बन सकती हैं, ऐसा तब हो सकता है जब इन सुरंगों से थाई नागरिक या सैनिकों की जान जाए. दरअसल कंबोडिया सन् 2000 से ओटावा समझौते का हिस्सा है, यह लैंडमाइंस पर बैन लगाता है. ऐसे में अगर कंबोडिया थाई सैनिकों के खिलाफ बारूदी सुरंगों का प्रयेाग करता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाब देना पड़ सकता है. थाईलैंड इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट में भी ले जा सकता है.

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