पेशे से वकील पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ ‘विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ और ‘सार्वजनिक शरारत’ जैसे कथित अपराधों के लिए विभिन्न दंड प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कराया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की कथित टिप्पणियों के लिए उत्तर प्रदेश में दर्ज एक आपराधिक मामले में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर लगाई गई रोक शुक्रवार को बढ़ा दी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मामले में राहुल गांधी द्वारा दाखिल स्थगन पत्र पर गौर किया और मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद करने का फैसला किया।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने अदालत को सूचित किया कि राज्य सरकार ने याचिका पर एक जवाब दाखिल किया है। राज्य सरकार ने गांधी की याचिका का विरोध किया और इसे खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह शिकायतकर्ता वकील नृपेंद्र पांडे की इस दलील से सहमत है कि राहुल गांधी ने जो किया, वह समाज में नफरत और दुश्मनी फैलाने के इरादे से किया था।
उसने कहा कि गांधी की याचिका खारिज करने का इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला ‘‘उचित और कानूनी’’ था और शीर्ष न्यायालय के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने कांग्रेस नेता के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले शिकायकर्ता पांडे को भी अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति दी। उसने कहा कि गांधी राज्य सरकार द्वारा दाखिल जवाबों पर दो सप्ताह के भीतर अपना प्रत्युत्तर दे सकते हैं।
इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने 25 अप्रैल को सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणियों को ‘‘गैरजिम्मेदाराना’’ बताया था और कहा था कि ‘‘हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं बनाना चाहिए।’’ हालांकि, पीठ ने गांधी की टिप्पणियों के लिए उत्तर प्रदेश में दर्ज मामले में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। राहुल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था, जिसमें मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।
पेशे से वकील पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ ‘विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ और ‘सार्वजनिक शरारत’ जैसे कथित अपराधों के लिए विभिन्न दंड प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कराया था। कांग्रेस नेता ने 17 नवंबर, 2022 को महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक रैली में अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान सावरकर पर कथित तौर पर टिप्पणी की थी जिसके बाद यह मामला दर्ज कराया गया।