केंद्र सरकार का कहना है कि अहमदाबाद में प्लेन क्रैश के महज चार दिन बाद 16 जून को 112 पायलटों ने अचानक लीव ले ली थी। संसद में इस मसले पर क्या पूछा गया था सवाल और सरकार ने क्या दिया जवाब जानें…
केंद्र सरकार की मानें तो अहमदाबाद में प्लेन क्रैश के महज चार दिन बाद 16 जून को 112 पायलटों ने मेडिकल लीव ले ली थी। बता दें कि एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गया था। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी। विमान में सवार 242 लोगों में केवल एक शख्स जीवित बचा। विमान के इमारत से टकराने पर वहां मौजूद 19 लोगों की भी मौत हो गई थी।
नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने गुरुवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि एअर इंडिया के पायलटों के मेडिकल लीव लिए जाने में मामूली बढ़ोतरी हुई है। अहमदाबाद विमान हादसे के बाद 16 जून को कुल 112 पायलटों ने बीमार होने की सूचना दी, जिनमें 51 कमांडर (पी1) और 61 फर्स्ट ऑफिसर (पी2) थे।
दरअसल, एक सदस्य ने यह जानना चाहा था कि क्या एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद बड़े पैमाने पर चालक दल के सदस्यों की ओर से बीमार होने की सूचना दी जा रही है। मंत्री ने अपने उत्तर में बताया कि एअर इंडिया की उड़ान एआई-171 दुर्घटना के बाद एयरलाइन के पायलटों के अस्वस्थ होने से संबंधित छुट्टियों में मामूली वृद्धि देखने को मिली है।
बता दें कि फरवरी 2023 में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ओर से जारी मेडिकल सर्कुलर में एयरलाइनों को चालक दल/एटीसीओ (हवाई यातायात नियंत्रकों) के लिए मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के प्रतिकूल प्रभावों का पता लगाने के लिए एक अलग प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की सलाह दी गई थी।
इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य निगरानी के संबंध में, संगठनों (अनुसूचित और गैर-अनुसूचित ऑपरेटरों, उड़ान प्रशिक्षण संगठनों और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण) को अपने कर्मचारियों के लिए एक हेल्पिंग प्रोग्राम शुरू करने की भी सलाह दी गई। मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि मौजूदा वक्त में विमान हादसे के कारण जमीन पर नागरिकों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे से संबंधित कोई विशिष्ट नीति नागर विमानन मंत्रालय के पास नहीं है।