Rahul Gandhi: निर्वाचन आयोग ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकसभा नेता विपक्ष ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 80 के अनुसार चुनाव याचिका दायर करने के बजाय बेबुनियाद आरोप लगाने का विकल्प चुना। इसके अलावा एक संवैधानिक संस्था को धमकी भी दी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में धोखाधड़ी के आरोपों पर निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया सामने आई है। निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को राहुल गांधी के दावे पर कड़ी आपत्ति जताई है। आयोग की तरफ से कहा गया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता ने न केवल बेबुनियाद आरोप लगाए हैं, बल्कि एक संवैधानिक संस्था को धमकाने का प्रयास भी किया है।
निर्वाचन आयोग राहुल गांधी के बयान को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। आयोग ने कहा, “जहां तक लोकसभा नेता प्रतिपक्ष के कर्नाटक चुनाव पर किए गए दावे का सवाल है कि तो यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 80 के अनुसार चुनाव याचिका दायर करने, या उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करने के बजाय निराधार आरोप लगाए। इतना ही नहीं उन्होंने एक संवैधानिक संस्था यानी निर्वाचन आयोग को “धमकी देने” का विकल्प भी चुना है।”
आपको बता दें यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब बिहार की मतदाता सूची में के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार करने के विकल्प को खुला रखने की बात कही। इस बारे में जब राहुल गांधी के पूछा गया संसद भवन में खड़े होकर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पास कर्नाटक में एक सीट पर धोखाधड़ी की अनुमति दिए जाने के “ ठोस एवं 100 प्रतिशत सबूत” हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “हमने सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र का जायजा लिया और हमें ये सब मिला। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि एक के बाद एक सीट पर यही यही नाटक चल रहा है… मैं निर्वाचन आयोग को एक संदेश देना चाहता हूं — अगर आपको लगता है कि आप इससे बच निकलेंगे, अगर आपके अधिकारी सोचते हैं कि वे इससे बच जाएंगे, तो आप गलतफहमी में हैं। आप इससे बच नहीं पाएंगे क्योंकि हम आपका पीछा नहीं छोड़ने वाले।”