होम देश Why did the rift between Jagdeep Dhankhar and the Central Government happen Justice Yashwant Verma फोन लगाते रहे मंत्री पर जगदीप धनखड़ ने एक नहीं सुनी, सरकार का पूरा प्लान बदल डाला?, India News in Hindi

Why did the rift between Jagdeep Dhankhar and the Central Government happen Justice Yashwant Verma फोन लगाते रहे मंत्री पर जगदीप धनखड़ ने एक नहीं सुनी, सरकार का पूरा प्लान बदल डाला?, India News in Hindi

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जगदीप धनखड़ ने अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया है और वह जल्द ही उपराष्ट्रपति एन्क्लेव खाली करेंगे। धनखड़ पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते सरकारी बंगले के हकदार हैं। खबरें हैं कि धनखड़ दंपति ने मंगलवार को अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया।

उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे से पहले ही केंद्रीय मंत्रियों किरेन रिजिजू और जगत प्रकाश नड्डा ने जगदीप धनखड़ से संपर्क साधा था। खबर है कि इस दौरान जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव स्वीकारने पर बात हुई थी। कहा जा रहा है कि विपक्ष के इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के चलते ही धनखड़ से सरकार नाराज थी। हालांकि इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। धनखड़ ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है।

हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में मामले के जानकार बताते हैं, ‘रिजिजू ने धनखड़ से कहा था कि लोकसभा में महाभियोग पर आम सहमति बनाने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही कहा था कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नोटिस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि प्रधानमंत्री इस घटनाक्रम से खुश नहीं हैं।’ अखबार को सूत्रों ने बताया कि धनखड़ ने संकेत दिए कि उन्होंने सदन के नियमों के तहत सब किया है।

इससे पहले अखबार से बातचीत में लोकसभा के एक अधिकारी ने बताया था, ‘सरकार पहले लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाना चाहती थी। इसे सरकार की सफलता के रूप में देखा जाता और न्यायपालिका को स्पष्ट संदेश जाता, लेकिन धनखड़ ने श्रेय छीन लिया।’

सरकार की बात नहीं माने धनखड़?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्र बताते हैं कि रिजिजू, कानन मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और जेपी नड्डा ने उपराष्ट्रपति से इंतजार करने को कहा था। मंत्रियों का कहना था कि साझा महभियोग प्रस्ताव को लेकर आम सहमति बनाने के प्रयास जारी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, धनखड़ ने घोषणा कर दी कि उन्हें राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर मिल गए हैं। कहा जा रहा है केंद्र के बार-बार याद दिलाने के बाद भी धनखड़ ने ऐसा कदम उठाया।

रिपोर्ट के अनुसार मॉनसून सत्र शुरू होने के चार से पांच दिन पहले ही रिजिजू ने उपराष्ट्रपति को जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की केंद्र की तैयारियों के बारे में बताया था। धनखड़ को बताया गया था कि ऐसा ही प्रस्ताव राज्यसभा में भी लाया जाएगा। मॉनसून सत्र की शुरुआत होने के एक दिन पहले और धनखड़ के अचानक राज्यसभा छोड़ने से पहले भी रिजिजू ने पूर्व उपराष्ट्रपति को यह जानकारी दी थी।

उस समय तक सरकार विपक्षी सांसदों समेत अन्य सदस्यों के जरूरी हस्ताक्षर निचले सदन में हासिल कर चुकी थी। रिपोर्ट के अनुसार, इधर धनखड़ रविवार और सोमवार को विपक्ष के नेताओं से मिले और जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग पर चर्चा की। हालांकि, धनखड़ ने विपक्ष के नेताओं के साथ हुई बातचीत पर चुप्पी नहीं तोड़ी।

रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार की सुबह तक यह साफ हो गया था कि उपराष्ट्रपति ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से मुलाकात की है और विपक्षी नेताओं के हस्ताक्षर औपचारिक रूप से स्वीकार करने की तैयारी कर रहे हैं। चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, तब तक सरकार उपराष्ट्रपति से तीन बार बात कर चुकी थी, जिसमें कहा गया था कि हस्ताक्षर में सत्तारूढ़ दल के सांसदों को भी शामिल किया जाए, क्योंकि एजेंडा आम सहमति से तय हुआ है।

यहां बिगड़ी बात

इंडिया टुडे के अनुसार, उपराष्ट्रपति से पहले नड्डा और रिजिजू ने मुलाकात की। बाद में रिजिजू और मेघवाल उनसे मिलने पहुंचे और तीसरी बार सिर्फ मेघवाल धनखड़ से मिले। इस तीसरी मुलाकात में बताया गया कि सरकार को भी भरोसे में लिया जाना चाहिए और सत्तारूढ़ दल के सांसदों के हस्ताक्षर भी जरूरी हैं। खबर है कि उपराष्ट्रपति नहीं माने और सरकार को कोई आश्वासन नहीं दिया। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने साफ संकेत दिए कि वह सदन में विपक्षी सांसदों की सूची पढ़ेंगे।

धनखड़ ने सामान पैक करना शुरू किया

धनखड़ ने अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया है और वह जल्द ही उपराष्ट्रपति एन्क्लेव खाली करेंगे। पीटीआई भाषा को सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। धनखड़ पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते सरकारी बंगले के हकदार हैं। सूत्रों ने बताया कि धनखड़ दंपति ने मंगलवार को अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही सरकारी आवास को खाली करेंगे। धनखड़ पिछले साल अप्रैल में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में स्थानांतरित हो गए थे।

शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, ‘उन्हें (धनखड़ को) लुटियंस दिल्ली या किसी अन्य क्षेत्र में टाइप-8 बंगला देने की पेशकश की जाएगी।’ टाइप-8 बंगला आमतौर पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों या राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किया जाता है। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सोमवार को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था।

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