कतर एयरलाइंस पर 5 साल पुरानी घटना को लेकर चलेगा केस Image Credit source: James D. Morgan/Getty Images for Virgin Australia
दुनिया की बेहतरीन सर्विस और लग्जरी के लिए पहचानी जाने वाली कतर एयरवेज अब एक गंभीर कानूनी विवाद में फंसी है. पांच ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें 2020 में दोहा एयरपोर्ट पर जबरन फ्लाइट से उतारा गया था और उनकी शारीरिक जांच की गई. वो भी बिना उनकी सहमति के.
अब ऑस्ट्रेलिया की अदालत ने उन्हें कतर एयरवेज पर सीधा केस करने की इजाजत दे दी है. ये घटना अक्टूबर 2020 की है. सिडनी जा रही एक फ्लाइट से पांच ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं को हथियारबंद गार्ड्स ने जबरन उतारा और एम्बुलेंस में ले जाकर उनकी बॉडी चेकिंग की. ये जांच कथित तौर पर उस नवजात की मां को खोजने के लिए की जा रही थी, जो हमद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के वॉशरूम में लावारिस मिला था.
शुरुआत में कोर्ट ने खारिज किया था केस
इनमें से चार महिलाओं की जांच की गई, जिनमें से तीन मामलों में बेहद निजी और घुसपैठ करने वाले तरीके अपनाए गए. न तो उनकी सहमति ली गई, और न ही कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई. महिलाओं ने इसे यौन उत्पीड़न, झूठी कैद और शारीरिक हमला बताया.
पहले ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने इस आधार पर मामला खारिज कर दिया था कि कतर एयरवेज के कर्मचारी पुलिस की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार नहीं थे. साथ ही कतर की सरकारी संस्था QCAA को राज्य के कार्य का हिस्सा मानते हुए कानूनी दायरे से बाहर कर दिया गया.
अब कोर्ट ने बदला फैसला, ट्रायल होगा
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत के मुख्य न्यायाधीश एंगस स्टीवर्ट ने इस फैसले को पलट दिया. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा कि घटना विमान में चढ़ने-उतरने की प्रक्रिया का हिस्सा थी या नहीं, केवल ट्रायल में तय किया जा सकता है, न कि शुरुआती सुनवाई में ही.
अदालत ने एयरपोर्ट ऑपरेटिंग कंपनी मातर के खिलाफ ट्रायल की इजाजत भी दी है, ये कहते हुए कि घटना के समय मौजूद नर्स के मातर की कर्मचारी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि QCAA को एक बार फिर सरकारी संस्था मानते हुए कोर्ट ने छूट दे दी.