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प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों पर पटना में प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करने पर केस दर्ज हुआ है. सिटी एसपी सेंट्रल दीक्षा ने बताया कि मजिस्ट्रेट के बयान पर प्रशांत किशोर समेत 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ सचिवाल…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- प्रशांत किशोर पर पटना में FIR दर्ज हुई
- 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज
- प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया
दरअसल, बुधवार को प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज के कार्यकर्ता और समर्थक विधानसभा घेराव के लिए निकले थे. उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पहले से ही बैरिकेडिंग कर रखी थी. जब प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए. इस दौरान प्रशांत किशोर को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
इस घटना ने बिहार की राजनीतिक गलियारों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. प्रशांत किशोर लगातार बिहार में “बदलाव की राजनीति” की बात करते रहे हैं और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं. विधानसभा घेराव का उनका यह प्रयास उसी कड़ी का हिस्सा था, जिसमें वे कथित तौर पर बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे.
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती थी. वहीं, जन सुराज के समर्थकों का आरोप है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और पुलिस ने बेवजह लाठीचार्ज किया. इस घटना के बाद से राज्य में राजनीतिक पारा और चढ़ गया है. आगामी दिनों में इस मामले पर राजनीति और गरमाने की संभावना है, खासकर जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं. इस FIR और लाठीचार्ज से प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान को लेकर भी आगे की रणनीति पर असर पड़ सकता है.