होम राजनीति Tej Pratap Yadav News: तेज प्रताप यादव की अलग राह, नई सियासी पारी या खास रणनीति? दुविधा और भावनाओं के संघर्ष का दौर

Tej Pratap Yadav News: तेज प्रताप यादव की अलग राह, नई सियासी पारी या खास रणनीति? दुविधा और भावनाओं के संघर्ष का दौर

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Tej Pratap Yadav News: बिहार की सियासत में एक नई हलचल है क्योंकि लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने ‘टीम तेज प्रताप’ नाम से सोशल मीडिया अकाउंट लॉन्च कर सबको चौंका दिया है. सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे…और पढ़ें

तेज प्रताप यादव के नये कदम से बिहार की राजनीति में हलचल. सवाल- नई राह या खास रणनीति?

हाइलाइट्स

  • आरजेडी से निष्कासन का असर, तेज प्रताप यादव ने ‘टीम तेज प्रताप’ अकाउंट से अलग राह की शुरुआत की!
  • तेजस्वी यादव को बिहार का सीएम देखने की इच्छा, उनके चेहरे पर दुविधा और परिवार से बेदखली की टीस भी.
  • अनुष्का यादव प्रकरण से छवि बचाने की रणनीति हो सकती है तेज प्रताप की RJD और लालू परिवार से बेदखली.
पटना. बिहार की राजनीति में इन दिनों तेज प्रताप यादव चर्चा का विषय बने हुए हैं. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से छह साल के लिए निष्कासित किए गए लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे ने हाल ही में ‘टीम तेज प्रताप’ नाम से सोशल मीडिया अकाउंट बना लिया है. बिहार के राजनीतिक गलियारे में इसे उनकी अलग राजनीतिक राह बनाने की ओर बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, उनके हाल के बयानों में छोटे भाई तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के रूप में देखने की इच्छा बार-बार जाहिर हुई है, लेकिन उनके चेहरे पर दुविधा साफ दिखाई देती है. यह दुविधा शायद परिवार और पार्टी से बेदखली की टीस से उपजी है जिसे वे खुलकर जाहिर नहीं कर पा रहे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तेज प्रताप की सियासी राह तेजस्वी से जुदा होने जा रही है? क्या यह उनके अनुष्का यादव प्रकरण के बाद लालू परिवार की छवि बचाने की चुनावी रणनीति है या फिर यह एक नई शुरुआत का संकेत है?

दरअसल, तेज प्रताप यादव का सियासी सफर हमेशा विवादों से घिरा रहा है. अनुष्का यादव के साथ उनकी तस्वीरें और 12 साल के रिश्ते का दावा सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लालू यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इस घटना ने लालू परिवार में दरार की अटकलें तेज कर दीं. इसके बाद तेज प्रताप यादव ने वैशाली के महुआ में आरजेडी का झंडा हटाकर नया झंडा फहराया और समर्थकों के साथ बैठक की जो उनकी अलग पहचान बनाने की कोशिश और उनकी कुलबुलाहट ( वोट टीस जिसे आप बयां नहीं कर पाते) को बताता है. हालांकि, ‘टीम तेज प्रताप’ अकाउंट पर लालू-राबड़ी की तस्वीर लगाना उनकी पारिवार से उनके प्यार और स्नेह को दिखाता है. यह भी बताता है कि वह अपने माता-पिता के प्रति निष्ठावान हैं, लेकिन पार्टी से उनकी दूरी स्पष्ट दिखने लगी है. दूसरी ओर वे तेजस्वी को सीएम के रूप में देखने की बात कहकर छोटे भाई के प्रति अपने स्नेह, आशीष और परिवार के प्रति वफादारी भी जताते हैं. हालांकि, यह उनकी अंदर चल रहे उथल-पुथल को भी जाहिर कर जाता है.
अनुष्का यादव के साथ तेज प्रताप यादव की वही तस्वीर है जिसके सोशल मीडिया में आने के बाद लालू यादव ने पार्टी और परिवार से बेदखल कर दिया.

अलग राह के संकेत या रणनीति?

तेज प्रताप जिस अंदाज में आगे बढ़ रहे हैं वह उनकी दुविधा के साथ ही दोहरी रणनीति के संकेत देती हैं. एक ओर नया सोशल मीडिया पेज और महुआ में जनसभा करने से लगता है कि वे अपनी स्वतंत्र सियासी जमीन तलाश रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, वे नई पार्टी बनाने की योजना बना सकते हैं जो 2025 के विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका को अहम बना सकता है. महुआ से फिर चुनाव लड़ने की उनकी इच्छा और समर्थकों का उत्साह इसकी ओर इशारा करता है. दूसरी ओर उनके तेजस्वी के प्रति समर्थन और लालू-राबड़ी की तस्वीरें यह भी जाहिर करती हैं कि संभवत: यह एक अस्थायी रणनीति हो सकती है. राजनीति के जानकार बताते हैं कि दरअसल, अनुष्का यादव प्रकरण के बाद लालू परिवार की छवि धूमिल हुई और तेज प्रताप को बलि का बकरा बनाकर परिवार ने चुनावी नुकसान से बचने की कोशिश की हो सकती है. चुनाव बाद उनकी आरजेडी में वापसी की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता, क्योंकि लालू की राजनीति में परिवार एकजुटता पर टिकी है.

दुविधा और तेज प्रताप का भावनात्मक संघर्ष

तेज प्रताप यादव के चेहरे और उनके हाव-भाव में दिखने वाली दुविधा उनकी आंतरिक स्थिति को भी बताती है कि वह खुद को अकेला तो जरूर महसूस क रहे हैं. तेज प्रताप यादव के करीब रह चुके लोगों का कहना है कि, तेज प्रताप यादव एक भावुक इंसान हैं और पार्टी से अधिक परिवार से बेदखली ने उन्हें भावनात्मक रूप से प्रभावित किया है. उनके बयानों में माता-पिता के प्रति सम्मान और तेजस्वी यादव के लिए आशीर्वाद की बातें इस बात का सबूत हैं कि वे परिवार से पूरी तरह कटना नहीं चाहते. लेकिन पार्टी से निकाला जाना और ‘पारिवारिक बहिष्कार’ ने उन्हें मजबूरी में अलग राह चुनने को प्रेरित किया हो सकता है.
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तेज प्रताप यादव अपने परिवार से भावनात्मक रूप से बेहद जुड़े हुए हैं. जन्मदिन के अवसर पर अपने पिता लालू यादव को याद करते हुए.

बिहार में चुनावी रणनीति और सियासी संभावनाएं

राजनीति के जानकार कहते हैं कि 2025 का विधानसभा चुनाव न केवल बिहार के लिए राजनीतिक भविष्य के लिए निर्णायक साबित होगा, बल्कि लालू परिवार में विरासत को लेकर सुलह या फिर जंग का आगाज के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगा. तेज प्रताप की भूमिका इसमें बेहद अहम हो सकती है. अगर वे नई पार्टी बनाते हैं तो यह आरजेडी के वोट बैंक, खासकर यादव और मुस्लिम मतदाताओं को बांट सकता है.जाहिर है यह एनडीए के लिए फायदेमंद हो सकता है. अगर आप सियासत को समझना चाहेंगे तो आपको साफ दिखेगा कि बीजेपी-जेडीयू इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए तैयार बैठी है. दूसरी संभावना यह है कि लालू परिवार तेज प्रताप को अस्थायी रूप से अलग करके तेजस्वी यादव को मजबूत कर रहा है. चुनाव बाद अगर तेजस्वी यादव सीएम बनने में सफल होते हैं तो परिवार की एकता फिर से कायम हो सकती है और तेज प्रताप को माफ कर लिया जा सकता है. तीसरी संभावना यह है कि तेज प्रताप नीतीश कुमार या अन्य दलों से हाथ मिला लें. हालांकि, उनकी मौजूदा स्थिति में यह कम संभावित लगता है.

तेज प्रताप का विद्रोह है या लालू की सियासी चाल!

तेज प्रताप यादव की सियासी राह अभी अनिश्चित प्रतीत हो रही है. ‘टीम तेज प्रताप’ अकाउंट और महुआ विधानसभा क्षेत्र में उनकी राजनीतिक गतिविधियां अलग राह के संकेत देती हैं, लेकिन उनके तेजस्वी यादव और परिवार के प्रति भावनात्मक जुड़ाव ऐसी सभी कयासबाजियों और संभावनाओं या फिर आशंकाओं की दिशा को धुंधला करते हैं. अनुष्का यादव प्रकरण के बाद लालू परिवार ने तेज प्रताप को भले ही पार्टी और परिवार से अलग कर दिया है, लेकिन यह चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है. फिर भी तेज प्रताप यादव की दुविधा और बेदखली की टीस उन्हें कहीं न कहीं बेचैन किये हुए है और उन्हें नई दिशा की ओर धकेल रही है. बहरहाल, सियासत के जानकार यही कहते हैं कि 2025 का विधानसभा चुनाव इस बात का फैसला करेगा कि तेज प्रताप की राजनीति परिवार के साथ रहेगी या वे अपनी अलग पहचान बनाएंगे. बिहार की सियासत में यह नया मोड़ आने वाले दिनों में और साफ होगा, लेकिन अभी तक यह कहना मुश्किल है कि यह विद्रोह है या परिवार की सियासी चाल!

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Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट…और पढ़ें

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