एक अधिकारी ने बताया कि पीड़िता के शनिवार को बोलने की स्थिति में आने के बाद पुलिस ने एम्स भुवनेश्वर के आईसीयू में एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उसका बयान दर्ज किया। उन्होंने कहा कि उसका बयान जांच के लिए महत्वपूर्ण है।
ओडिशा के पुरी जिले में तीन बदमाशों द्वारा आग के हवाले की गई 15 वर्षीय लड़की को रविवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भुनवेश्वर से विमान के जरिए दिल्ली ले जाया गया। लड़की को दिल्ली ले जाए जाने के तुरंत बाद, ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया पुरी जिले के बलंगा इलाके में भार्गवी नदी के किनारे स्थित घटनास्थल का दौरा करने गए। खुरानिया ने बलंगा में संवाददाताओं से कहा, ‘जांच एक संवेदनशील चरण में पहुंच गई है और हम जल्द ही घटना का ब्यौरा दे पाएंगे।’
विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) द्वारा 48 घंटे के भीतर अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए बलंगा थाने का घेराव करने तथा भुवनेश्वर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने की चेतावनी देने के बाद डीजीपी ने घटनास्थल का दौरा किया। महिला बीजद नेता और पूर्व मंत्री तुकुनी साहू ने आरोप लगाया कि घटना के 36 घंटे बाद भी पुलिस आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं लगा पाई है।
इससे पहले, लड़की को एम्स भुवनेश्वर से बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक ले जाने के लिए हरित गलियारा बनाया गया और पुलिस बल की एक प्लाटून तैनात की गई थी। भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जगमोहन मीणा ने संवाददाताओं को बताया, ‘एम्बुलेंस एम्स भुवनेश्वर से मरीज को लेकर 12 मिनट में हवाई अड्डे पहुंच गई। उसे एक विशेष मेडिकल टीम के साथ उन्नत उपकरणों से लैस एक एम्बुलेंस में ले जाया गया।’
नाबालिग लड़की 70 प्रतिशत तक झुलस गई थी। उसे एम्स भुवनेश्वर के ‘बर्न सेंटर’ विभाग के गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में कृत्रिम तरीके से ऑक्सीजन दी जा रही थी। एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक आशुतोष बिस्वास ने संवाददाताओं को बताया, ‘मरीज की हालत स्थिर है और उसका रक्तचाप, जो कल कम था, उसमें सुधार हुआ है। उसे अस्पताल में स्थानांतरित करना सुरक्षित है।’
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार नाबालिग लड़की को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाने की योजना बना रही है। हालांकि, माझी ने कहा कि एम्स भुवनेश्वर के अधिकारी उसकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए निर्णय लेंगे।
एक अधिकारी ने बताया कि पीड़िता के शनिवार को बोलने की स्थिति में आने के बाद पुलिस ने एम्स भुवनेश्वर के आईसीयू में एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उसका बयान दर्ज किया। उन्होंने कहा कि उसका बयान जांच के लिए महत्वपूर्ण है।
सेंट्रल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक एस प्रवीण कुमार और पुरी के पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा के साथ घटनास्थल का दौरा करने के बाद, डीजीपी भार्गवी नदी के तट पर गए और उस स्थान का मुआइना किया जहां तीन आरोपियों ने लड़की पर ज्वलनशील पदार्थ डाला था और उसे आग लगा दी थी।
डीजीपी ने कहा, ‘पुलिस के अलावा, दो वैज्ञानिक टीम, एक राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से और दूसरी एम्स फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी से, ने घटनास्थल का दौरा किया है और अपराध से संबंधित कई साक्ष्य एकत्र किए हैं। जांच जारी है और पुलिस को जल्द ही विस्तृत जानकारी मिल जाएगी।’
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने पिछले 36 घंटों के दौरान कम से कम 10 लोगों से पूछताछ की है, जिनमें कुछ महिलाएं और पीड़िता के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मोटरसाइकिल पर सवार तीन अज्ञात युवकों ने लड़की को रोका, उसे जबरन भार्गवी नदी के किनारे ले गए और उस पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा दी।
पुलिस ने बताया कि लड़की को आग लगाने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। इसने बताया कि स्थानीय लोग आग बुझाकर उसे पिपिली सरकारी अस्पताल ले गए जहां से उसे एम्स भुवनेश्वर भेज दिया गया। बाद में उसे एम्स दिल्ली भेज दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि लड़की की मां ने बलंगा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि पीड़िता ने आठवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी थी और उसके पिता एक मोटर गैराज में काम करते हैं।
क्या खुद को लगा ली आग?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस खुद को आग लगाए जाने के एंगल से भी मामले की जांच कर रही है। खबरें हैं कि फॉरेंसिक टीम को लड़की के घर से केरोसिन की दो बोतलें मिली हैं, जो घटनास्थल से मिलीं बोतलों से मेल खाती हैं। पुलिस का कहना है कि हम हर संभव एंगल से जांच कर रहे हैं।