होम विदेश खामेनेई के खास अरागची ने पुतिन से की मुलाकात, ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर की चर्चा

खामेनेई के खास अरागची ने पुतिन से की मुलाकात, ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर की चर्चा

द्वारा

खामेनेई और पुतिन. (फाइल फोटो)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को यहां ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के वरिष्ठ सहयोगी से मुलाकात की. इस दौरान पश्चिम एशिया में बिगड़ते हालात और ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. ईरान के सर्वोच्च नेता के वरिष्ठ सलाहकार अली लारीजानी की यह यात्रा पुतिन द्वारा ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची से मुलाकात के लगभग एक महीने बाद हो रही है.

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि ईरानी नेतृत्व की ओर से अली लारीजानी ने पश्चिम एशिया में मौजूदा तनाव और ईरानी परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी स्थिति का आकलन साझा किया.

रूस करेगा ईरान का समर्थन

राष्ट्रपति पुतिन ने 23 जून को अरागची के साथ अपनी बैठक के दौरान तेहरान को आश्वासन दिया था कि 22 जून की सुबह ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमले के कुछ घंटों बाद इजराइल-ईरान संघर्ष को कम करने में रूस उनका समर्थन करेगा.

रणनीतिक साझेदारी संधि पर साइन

मॉस्को और तेहरान ने एक रणनीतिक साझेदारी संधि पर साइन किए हैं, लेकिन इसमें किसी भी पक्ष पर हमला होने की स्थिति में सैन्य सहायता का प्रावधान नहीं है. रूस, तेहरान के अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निगरानी में असैन्य परमाणु अनुसंधान करने के अधिकार का समर्थन करता है.

ईरान का परमाणु समझौता

इससे पहले की खबरों में कहा गया था कि लारीजानी ने ईरानी संसद के अध्यक्ष के रूप में संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) पर बातचीत और अनुमोदन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसे आमतौर पर ईरान परमाणु समझौते के रूप में जाना जाता है. इस समझौते में ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम में कई रियायतें देनी पड़ी थीं, बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में राहत दी गई थी.

अमेरिका ने खुद को समझौते से किया अलग

हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में इस समझौते से खुद को अलग कर लिया. उन पर इजराइल का भारी दबाव था. अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रंप ने ईरानी परमाणु ठिकानों पर बमबारी का आदेश दिया और ईरान से अपने नागरिक परमाणु कार्यक्रम के तहत भी यूरेनियम संवर्धन को पूरी तरह बंद करने की मांग की, जबकि यह कार्य परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत कानूनी रूप से मान्य है और ईरान इस संधि का हिस्सा है.

आपको यह भी पसंद आ सकता हैं

एक टिप्पणी छोड़ें

संस्कृति, राजनीति और गाँवो की

सच्ची आवाज़

© कॉपीराइट 2025 – सभी अधिकार सुरक्षित। डिजाइन और मगध संदेश द्वारा विकसित किया गया