भारत के पड़ोसी नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली सितंबर के बीच में भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी है. चीन लंबे समय से नेपाल को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में ये यात्रा भारत के लिए अहम होने वाली है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लोक बहादुर छेत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री की आगामी यात्रा की तैयारियां चल रही हैं. हालांकि, यात्रा की तारीख और विस्तृत कार्यक्रम अभी तय नहीं हुए हैं.”
ओली के ऑफिस ने के सूत्रों ने बताया कि ओली 16 सितंबर को अपने दक्षिणी पड़ोसी देश भारत की आधिकारिक यात्रा पर करेंगे. सूत्रों ने बताया कि इस बार यह यात्रा छोटी हो सकती है, जो करीब दो दिनों की होगी. नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी, जिसे CPN-UML के नाम से जाना जाता है के अध्यक्ष ओली ने पिछले जुलाई को चौथी बार प्रधानमंत्री का पद संभाला था.
ओली ने पहली यात्रा की तोड़ी परंपरा
पीएम ओली ने जुलाई में कुर्सी संभालने के बाद भारत की पहली यात्रा की परंपरा तोड़ते हुए अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन का दौरा चुना था. प्रधानमंत्री ओली ने पिछले साल दिसंबर में अपने चीनी समकक्ष ली कियांग के निमंत्रण पर चीन का दौरा किया था. अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री ने बीजिंग स्थित पेकिंग यूनिवर्सिटी में एक समारोह को संबोधित किया और राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री कियांग से मुलाकात की. जिसके बाद अटकलें थी कि नेपाल भारत से ऊपर चीन को तर्जी दे रहा है.
क्या बिना निमंत्रण के भारत आ रहे ओली?
स्थानीय मीडिया के कुछ चैनलों में यह अटकलें लगाए जाने के बीच कि उन्हें भारत से आधिकारिक यात्रा का कोई निमंत्रण नहीं मिला है, जो इस बात का संकेत है कि नई दिल्ली के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई है, ओली ने गुरुवार को कहा कि वह भारत का दौरा करेंगे और इस यात्रा के लिए दोनों पक्षों में जमीनी स्तर पर तैयारी चल रही है. हालांकि, उन्होंने उस समय यात्रा की कोई समय-सीमा नहीं बताई थी. अब ये साफ हो गया है कि यात्रा सितंबर में होगी.