दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार का जन्म 20 जुलाई 1981 को हुआ था. अब वह 44 वर्ष के हो गए हैं. निशांत पेशे से इंजीनियर हैं और बेहद शांत प्रवृत्ति के माने जाते हैं, लेकिन हाल के कुछ महीनों में उनकी रुचि राजनीति में दिखी जब कई बार मीडिया के सामने आए और राजनीति से जुड़े सवालों का पूरी परिपक्वता से जवाब भी दिया. कई बार विरोधियों के नीतीश कुमार के सेहत को लेकर उठाए जा रहे सवालों का न सिर्फ पुरजोर जवाब दिया, बल्कि नीतीश कुमार के विकास कार्यों का पूरी गंभीरता से आंकड़ों के साथ जवाब देकर राजनीतिक हलकों में भी लोगो को हैरान कर दिया.
नीतीश कुमार को अपना आशीर्वाद देगी जनता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के समर्थन में जदयू कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर.
पोस्टर में निशांत कुमार को बिहार की मांग बताया
बता दें कि जनवरी 2025 में निशांत ने अपने गृह जिले बख्तियारपुर में एक समारोह में नीतीश के विकास कार्यों की तारीफ करते हुए जनता से जेडीयू को वोट देने की अपील की थी. होली मिलन समारोह में भी वे जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ नजर आए, जिसने उनकी राजनीतिक में आने की अटकलों को हवा दी. जेडीयू कार्यालय के बाहर लगे पोस्टरों में निशांत को बिहार की मांग का जवाब देने वाला बताया गया है. पार्टी कार्यकर्ताओं और कुछ नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं. अब उनके संन्यास के बाद जेडीयू को बचाने के लिए निशांत की जरूरत है. नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने तो खुलकर कहा कि निशांत को अस्थावा से चुनाव लड़ना चाहिए और जीत की जिम्मेदारी उनकी होगी.
नीतीश के बाद जेडीयू में नेतृत्व शून्यता की चिंता

निशांत कुमार का जन्मदिन मनाते हुए जेडीयू के कार्यकर्ता. चुनाव लड़ने की मांग वाला पोस्टर.
जेडीयू नेताओं ने निशांत की एंट्री का समर्थन किया
वहीं अशोक चौधरी और श्रवण कुमार जेडीयू के कुछ नेताओं ने भी निशांत की एंट्री का समर्थन किया है. दूसरी ओर पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि निशांत की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. निशांत ने खुद भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है सिवाय इसके कि उन्होंने अपने पिता के विकास कार्यों का समर्थन किया और कहा, “मेरे पिता 100% फिट हैं”.
बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकते हैं निशांत
निशांत कुमार की संभावित एंट्री बिहार की सियासत में एक नया मोड़ ला सकती है. तेजस्वी यादव और चिराग पासवान जैसे दूसरी पीढ़ी के नेताओं के बीच निशांत की मौजूदगी जेडीयू को नया जोश दे सकती है. लेकिन यह नीतीश की परिवारवाद विरोधी छवि को धक्का भी पहुंचा सकता है. बीजेपी, नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में है और उसने तटस्थ रुख अपनाया है, लेकिन डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि वे जेडीयू के फैसले का समर्थन करेंगे.